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मारुति सुजुकी ने हाइब्रिड, सीएनजी वाहनों पर कर छूट की मांग की

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने विद्युत-वाहनों के साथ ही हाइब्रिड और सीएनजी कारों के लिये भी कर में छूट देने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि इससे देश में आवागमन की कम प्रदूषणकारी प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा। 

RC Bhargava, Chairman, Maruti Suzuki India Pvt Ltd- India TV Paisa RC Bhargava, Chairman, Maruti Suzuki India Pvt Ltd

नयी दिल्ली। कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने विद्युत-वाहनों के साथ ही हाइब्रिड और सीएनजी कारों के लिये भी कर में छूट देने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि इससे देश में आवागमन की कम प्रदूषणकारी प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कहा कि अभी प्रौद्योगिकी की लागत अधिक है। इसे देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक स्तर पर अपनाये जाने में अभी समय लगेगा। ऐसे में हाइब्रिड कारों और सीएनजी कारों को बढ़ावा देने की जरूरत है। 

आर. सी. भार्गव ने एक समाचार चैनल से कहा कि निजी तौर पर मैं पर्यावरण-अनुकूल कारों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लाभ मिलते देखना चाहूंगा। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर से छूट दे रही है लकिन यह लाभ हाइब्रिड कारों को मिलना चाहिये। सीएनजी वाहनों पर भी कर छूट मिलनी चाहिये। हाइब्रिड कार 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक दक्ष हैं और कच्चा तेल आयात घटाने में मदद मिलेगी। भार्गव ने कहा कि औद्योगिक विकास में कच्चा तेल के आयात के कम किए जाने का लक्ष्य महत्वपूर्ण है। हाइब्रिड और सीएनजी वाहन इसमें मदद करेंगे। सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों को पूरी तरह से अपनाने से पहले हाइब्रिड और सीएनजी वाहन दोनों पर ध्यान देना चाहिये।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर पिछले महीने 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जरों पर भी कर की दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गयी। हाइब्रिड और सीएनजी वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। भार्गव ने कहा कि सरकार ने अभी देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा इनकी स्वीकार्यता चार्जिंग की बुनियादी संरचना की उपलब्धता, विविधता तथा लागत पर निर्भर करेगी। उन्होंने कहा कि मारुति सुजुकी छोटे इलेक्ट्रिक वाहन पर काम कर रही है। इसे ओला और उबर जैसी कंपनियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी सीएनजी वाहन पेश करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये कारखाने से सीएनजी इंजन लगे वाहनों पर जोर देना चाहिये।

भार्गव ने कहा कि कंपनी 1.3 लीटर डीजल इंजन वाहनों को बंद कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि विटारा ब्रेजा को बंद नहीं किया जाएगा। 2019-20 के अंत से पहले ही इस वाहन का पेट्रोल संस्करण बाजार में उतारा जाएगा। 

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