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Hindi News पैसा बजट 2022 Economic Survey 2019-20: अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी के लिए हाईवे सेक्‍टर को 2024-25 तक 19.63 करोड़ के निवेश की जरूरत 

Economic Survey 2019-20: अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी के लिए हाईवे सेक्‍टर को 2024-25 तक 19.63 करोड़ के निवेश की जरूरत 

सड़क को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए, यह बिविध प्रणालियों पर आधारित परिवहन का हिस्सा है, जो कि हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बंदरगाहों और अन्य लॉजिस्टिक्स केंद्रों को आपस में जोड़ती है।

Highways sector needs Rs 19.63 lakh cr investment by 2024-25- India TV Paisa Highways sector needs Rs 19.63 lakh cr investment by 2024-25

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए बेहतर राजमार्ग नेटवर्क की आवश्यकता पर बल देते हुए आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि राजमार्ग क्षेत्र में 2024-25 तक 19.63 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में 2019-20 की आर्थिक समीक्षा पेश की। समीक्षा में कहा गया है कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना सूची (एनआईपी) के तहत 2020-2025 के दौरान बुनियादी परियोजनाओं पर कुल 102 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की जरूरत होगी।

इसमें से राजमार्ग क्षेत्र में ही 19.63 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी। पिछले पांच सालों में सड़क एवं राजमार्ग क्षेत्र में कुल निवेश में तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है। समीक्षा में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि के लिए एक बेहतर सड़क नेटवर्क बहुत जरूरी है। सड़कें दूरदराज के इलाकों को जोड़ती हैं, पिछड़े क्षेत्रों के लिए रास्ता खोलती हैं और बाजारों, व्यापार और निवेश तक पहुंच को आसान बनाती हैं।

सड़क को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए, यह बिविध प्रणालियों पर आधारित परिवहन (मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम) का हिस्सा है, जो कि हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बंदरगाहों और अन्य लॉजिस्टिक्स केंद्रों को आपस में जोड़ती है। एक मार्च 2019 तक देश में 59.64 लाख किलोमीटर की सड़कें थीं इसमें से राष्ट्रीय राजमार्ग सिर्फ 1.32 लाख किलोमीटर थे।

समीक्षा में कहा गया कि सड़क निर्माण में तेजी आई है और यह 2015-16 में 17 किमी प्रति दिन से बढ़कर 2018-19 में 29.7 किमी प्रति दिन हो गई। हालांकि 2019-20 में निर्माण की गति में थोड़ी सुस्ती आई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि सड़क परिवहन का सबसे प्रमुख तरीका बना हुआ है। वित्त वर्ष 2017-18 में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में परिवहन क्षेत्र का हिस्सा 4.77 प्रतिशत था। इसमें सड़क परिवहन का हिस्सा 3.06 प्रतिशत, रेलवे का 0.75 प्रतिशत, हवाई परिवहन का 0.15 प्रतिशत और जल परिवहन का हिस्सा 0.06 प्रतिशत था। 

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