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Hindi News पैसा बजट 2022 Economic Survey 2019-20: पिछले 13 सालों में मांसाहारी थाली के मुकाबले शाकाहारी थाली हुई ज्‍यादा सस्ती

Economic Survey 2019-20: पिछले 13 सालों में मांसाहारी थाली के मुकाबले शाकाहारी थाली हुई ज्‍यादा सस्ती

समीक्षा के अनुसार 2015-16 में थाली की कीमतों में बड़ा बदलाव आया। ऐसा 2015-16 में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र में बड़े बदलाव के कारण संभव हुआ।

Veg thali affordability improved more than non-veg, says Economic Survey 2019-20- India TV Paisa Veg thali affordability improved more than non-veg, says Economic Survey 2019-20

नई दिल्ली। भारत में पिछले 13 वर्षों में मांसाहारी थाली की तुलना में शाकाहारी थाली की कीमत में अधिक सुधार हुआ है। संसद में पेश किए गए आर्थिक समीक्षा 2019-20 में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2006-2007 की तुलना में 2019-20 में शाहाकारी भोजन की थाली 29 प्रतिशत और मांसाहारी भोजन की थाली 18 प्रतिशत सस्ती हुई है।

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीयों के लिए दैनिक आहार से संबंधित दिशानिर्देशों की सहायता से थाली की मूल्य का आंकलन किया गया है। अब औद्योगिक श्रमिकों की दैनिक आमदनी की तुलना में भोजन की थाली और सस्ती हो गई है।

उन्होंने कहा कि भारत में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र के आधार पर समीक्षा में यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह अर्थशास्त्र भारत में एक सामान्य व्यक्ति द्वारा एक थाली के लिए किए जाने वाले भुगतान को मापने का प्रयास है।

इसके लिए अप्रैल 2006 से अक्टूबर 2019 तक 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 80 केंद्रों से औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से कीमतों का इस्तेमाल किया गया है।

समीक्षा के अनुसार, संपूर्ण भारत के साथ-साथ इसके चारों क्षेत्रों -उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में यह पाया गया कि शाकाहारी भोजन की थाली की कीमतों में 2015-16 से काफी कमी आई है। हालांकि, 2019 में इनकी कीमतों में तेजी रही। ऐसा सब्जियों और दालों की कीमतों में पिछले वर्ष की तेजी के रुझान के मुकाबले गिरावट का रुख रहने के कारण हुआ है।

इसके परिणाम स्वरूप पांच सदस्यों वाले एक औसत परिवार, जिसमें प्रति व्यक्ति रोजना न्यूनतम दो पौष्टिक थालियों से भोजन करने हेतु प्रतिवर्ष औसतन 10,887 रुपए का लाभ हुआ, जबकि मांसाहारी भोजन वाली थाली के लिए प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष औसतन 11,787 रुपए का लाभ हुआ है।

समीक्षा के अनुसार 2015-16 में थाली की कीमतों में बड़ा बदलाव आया। ऐसा 2015-16 में भोजन की थाली के अर्थशास्त्र में बड़े बदलाव के कारण संभव हुआ। सरकार की ओर से 2014-15 में कृषि क्षेत्र की उत्पादकता तथा कृषि बाजार की कुशलता बढ़ाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए। इसके तहत अधिक पारदर्शी तरीके से कीमतों का निर्धारण किया गया।

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