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Hindi News पैसा बजट 2022 Budget 2022: सरकारी प्रयासों से फास्टेस्ट ग्रोथ का ताज फिर भारत के पास: राष्ट्रपति

Budget 2022: सरकारी प्रयासों से फास्टेस्ट ग्रोथ का ताज फिर भारत के पास: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, सरकार के निरंतर प्रयासों से देश एक बार फिर दुनिया की सर्वाधिक तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है।

<p>Budget 2022</p>- India TV Paisa Image Source : PTI Budget 2022

Highlights

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही
  • इस वित्त-वर्ष के पहले सात महीनों में 48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया
  • विनिर्माण क्षेत्र में नये अवसर देने के लिए 14 उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की गयी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि अर्थव्यवस्था तीव्र वृद्धि के रास्ते पर है और सरकार के निरंतर प्रयासों से देश एक बार फिर दुनिया की सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है।

संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, सरकार के निरंतर प्रयासों से देश एक बार फिर दुनिया की सर्वाधिक तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। देश में जीएसटी (माल एवं सेवा कर) संग्रह पिछले कई महीनों से निरंतर एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। 

48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया

अर्थव्यवस्था की स्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, इस वित्त-वर्ष के पहले सात महीनों में 48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है। यह इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत की वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस समय 630 अरब डॉलर से ऊपर है। कोविंद ने कहा, हमारा निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और पिछले रिकॉर्ड टूट रहे हैं। 2021 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत का वस्तुओ का निर्यात लगभग 300 अरब डॉलर यानी 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जो 2020 की इसी अवधि की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है। विनिर्माण क्षेत्र का उल्लेख करते हुए 

युवाओं को नए अवसर देने पर जार

उन्होंने कहा, विनिर्माण क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को साकार करने और युवाओं को नये अवसर देने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से 14 उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं (पीएलआई) शुरू की गयी हैं। ये पीएलआई योजनाएं न केवल भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी बल्कि रोजगार के 60 लाख से अधिक अवसर भी उपलब्ध कराएंगी।

नई प्रौद्योगिकी में अगुवा बनने की तैयारी

राष्ट्रपति ने कहा, सरकार नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी काम कर रही है। देश इलेक्ट्रॉनिक और प्रौद्योगिकी हार्डवेयर के क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बने, इसके लिए सरकार ने सिलिकन और कम्पाउंड सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन डिस्प्ले फैब, चिप डिजाइन और इनसे जुड़े उपक्रमों के लिए हाल ही में 76,000 करोड़ रुपये का पैकेज भी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार नए क्षेत्रों के साथ-साथ उन पारंपरिक क्षेत्रों में भी देश की स्थिति को पुनः मजबूत बना रही है, जिनमें हमारे पास सैकड़ों वर्षों का अनुभव है। इसी दिशा में, वस्त्र उद्योग के विकास के लिए करीब 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से सात वृहत एकीकृत कपड़ा क्षेत्र और परिधान पार्क बनाए जा रहे हैं। 

बुनियादी ढांचे के विकास विशेष फोकस

राष्ट्रपति ने कहा, इससे देश में एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला तैयार होगी। ये वृहत कपड़ा पार्क घरेलू तथा विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित करेंगे, और रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा करेंगे। बुनियादी ढांचे के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, बुनियादी ढांचा सामाजिक असमानता को पाटने वाला सेतु भी है। बुनियादी ढांचे पर होने वाले निवेश से न केवल लाखों नए रोजगार पैदा होते हैं बल्कि इसका एक गुणात्मक प्रभाव भी होता है। कोविंद ने कहा, सरकार ने बुनियादी ढांचा विकास के कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए अलग-अलग मंत्रालयों के कामकाज को प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के रूप में एक साथ जोड़ा है। यह योजना देश में मल्टी-मॉडल-परिवहन के एक युग की शुरुआत करने जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रीय राजमार्ग भी-पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण-पूरे देश को एक साथ जोड़ रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा, मार्च, 2014 में हमारे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 90 हजार किलोमीटर थी, जबकि आज उनकी लंबाई बढ़कर एक लाख चालीस हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है। 

20,000 किलोमीटर के राजमार्गों पर काम

भारतमाला परियोजना के अंतर्गत लगभग छह लाख करोड़ रुपये की लागत से 20,000 किलोमीटर से अधिक के राजमार्गों पर काम किया जा रहा है। इनमें 23 ग्रीन एक्सप्रेस-वे और नये गलियारों का विकास भी शामिल है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना काल में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को संकट से बचाने और जरूरी ऋण सुविधा उपलब्ध कराने को सरकार ने 4.5 लाख करोड़ रुपये के बिना किसी गारंटी के कर्ज की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हाल के अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि इस योजना की सहायता से साढ़े 13 लाख छोटी इकाइयों को बाजार में बने रहने में मदद मिली और डेढ़ करोड़ रोजगार भी सुरक्षित किए गए। 

नागरिक सशक्तीकरण से जोड़ा

कोविंद ने कहा कि जनधन-आधार-मोबाइल अर्थात ‘जैम ट्रिनिटी’ को सरकार ने जिस तरह नागरिक सशक्तीकरण से जोड़ा है, उसका प्रभाव भी हम लगातार देख रहे हैं। 44 करोड़ से अधिक गरीब देशवासियों के बैंक प्रणाली से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को सीधे नकदी हस्तांतरण का लाभ मिला है। 

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