A
Hindi News पैसा बिज़नेस Don't Underestimate: वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से नाखुश जेटली, कहा भारत इससे अच्छी रैंकिंग का हकदार

Don't Underestimate: वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से नाखुश जेटली, कहा भारत इससे अच्छी रैंकिंग का हकदार

वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से वित्त मंत्री अरुण जेटली नाखुश है। जेटली ने कहा कि कारोबार के माहौल में सुधार के लिहाज से भारत को और भी ऊंचा स्थान मिलना चाहिए था।

Don’t Underestimate: वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से नाखुश जेटली, कहा भारत इससे अच्छी रैंकिंग का हकदार- India TV Paisa Don’t Underestimate: वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग से नाखुश जेटली, कहा भारत इससे अच्छी रैंकिंग का हकदार

नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक की ताजा रैंकिंग से वित्त मंत्री अरुण जेटली नाखुश है। जेटली ने रविवार को कहा कि कारोबार के माहौल में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों को विश्वबैंक ने संग्यान में नहीं लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को रैंकिंग को कहीं और ऊपर रखा जाना चाहिए था। मंगलवार को जारी वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में ईज ऑफ डूईंग के लिहाज से 189 देशों में भारत को 130वें पायदान पर रखा गया है, जो कि पिछले साल 142 थी।

ये भी पढ़ें – Move-Up: भारत में सुधरा बिजनेस का माहौल, सरकार के रिफॉर्म का दिखा असर

सरकारी कामों का सही नहीं हुआ आंकलन

अरुण जेटली ने कहा, पिछले 17 महीने में जो कदम उठाए गए हैं, उन्हें देखते हुए भारत की स्थिति काफी उपर होनी चाहिए थी। मैं समझता हूं कि (हमारे) सभी कदमों को संग्यान में नहीं लिया गया है। दरअसल वर्ल्ड बैंक की इस रैंकिंग के लिए एक अंतिम तारीख होती है और वह नई घोषणाओं को शामिल करने से पहले उनके क्रियान्वित किए जाने का भी इंतजार करता है। गौरतलब है कि मंगलवार को वर्ल्ड बैंक ने ईज ऑफ डूईंग में भारत की रैंकिंग में 12 पायदान का सुधार किया था।

ये भी पढ़ें – मूडीज ने कहा मोदी से, भारत की विश्‍वसनीयता पर है खतरा तेज करें रिफॉर्म की चाल

कारोबार के लिए जरूरी मंजूरियों को और आसान करने की जरूरत

इसके साथ ही अरुण जेटली ने यह भी कहा कि परियोजनाएं शुरू करने के लिए जरूरी मंजूरियों की संख्या में और कमी लाए जाने की जरूरत है ताकि निवेश के लिए निर्णय और वास्तविक निवेश के बीच लगने वाले समय को काफी कम किया जा सके। उन्होंने फेसबुक पर कारोबार करने में आसानी शीर्षक से अपनी एक ताजा टिप्पणी में कहा है, राज्यों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि भूमि की उपलब्धता, पर्यावरण मंजूरियों, योजनाओं के निर्माण की अनुमति संबंधी स्थानीय कानूनों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।

Latest Business News