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Hindi News पैसा बिज़नेस टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरकार की बड़ी योजना, मिलेंगी 40 हजार नौकरियां, बढ़ेगी टैक्स आय

टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरकार की बड़ी योजना, मिलेंगी 40 हजार नौकरियां, बढ़ेगी टैक्स आय

इस योजना से देश में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा। वहीं अगले 5 वर्षों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया जाएगा। इससे देश करीब 50 हजार करोड़ रुपये का आयात बिल बचा सकेगा।

<p>टेलीकॉम सेक्टर के...- India TV Paisa Image Source : PTI टेलीकॉम सेक्टर के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम का ऐलान

नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनियों के लिए करीब 12200 करोड़ रुपये की  प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम का ऐलान किया है। इस स्कीम से सरकार को आयात पर निर्भरता कम करने के साथ साथ देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी।

क्या होगा स्कीम से फायदा

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से देश में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा। वहीं अगले 5 वर्षों में करीब 2 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया जाएगा। इससे देश करीब 50 हजार करोड़ रुपये का आयात बिल बचा सकेगा।  इसके साथ ही इस स्कीम की मदद से देश में 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा और नए प्रोजेक्ट्स से 40 हजार रोजगार उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही सरकार को 17 हजार करोड़ रुपये टैक्स के रूप में भी मिलेंगे। केंद्रीय मंत्री ने साथ ही कहा कि देश में लैपटॉप और टेबलेट के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार जल्द ही एक पीएलआई योजना लेकर आएगी। सरकार ने पहली प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम का ऐलान मोबाइल सेक्टर के लिए अप्रैल 2020 में किया था। स्कीम के तहत मोबाइल कंपनियों ने 34 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है।

चीन पर बढ़ेगा दबाव

टेलीकॉम उपकरणों के निर्माण मे चीन की कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है। हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच भारत सहित कई देशों ने चीन की कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस बीच सरकार देश में ही इन उपकऱणों का निर्माण करना चाहती हैं जिससे सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं दूर हों और देश में 5 जी सेवाओं के साथ साथ नई तकनीकों को तेजी से लागू किया जा सके। इसी वजह से देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ये स्कीम शुरू की है। सरकार की स्कीम की वजह से ही कई विदेशी कंपनियों ने चीन से निकलकर भारत में यूनिट स्थापित की है ।

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