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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्ली में कॉल ड्रॉप और धीमे नेटवर्क का बड़ा कारण हैं अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर, दूरसंचार विभाग ने की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली में कॉल ड्रॉप और धीमे नेटवर्क का बड़ा कारण हैं अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर, दूरसंचार विभाग ने की बड़ी कार्रवाई

जब एक अवैध बूस्टर लगाया जाता है, तो मौजूदा नेटवर्क में बाधा पहुंचाती है और इस कॉल ड्राप की समस्या आती है।

<p>दिल्ली में कॉल ड्रॉप...- India TV Paisa Image Source : INDIAMART दिल्ली में कॉल ड्रॉप और धीमे नेटवर्क का बड़ा कारण हैं अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर, दूरसंचार विभाग ने की बड़ी कार्रवाई 

नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है। वायरलेस निगरानी संगठन (डब्ल्यूएमओ), दूरसंचार विभाग और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी स्टेशन ने स्थानीय प्रशासन और दूरसंचार ऑपरेटरों की एक संयुक्त टीम के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया गया। बयान के अनुसार यह अभियान बृहस्पतिवार को नोएडा, साउथ एक्सटेंशन पार्ट 2, सफदरजंग एन्क्लेव, कृष्णा नगर और मस्जिद मोठ इलाके में चलाया गया। इस अभियान के तहत लोगों को अवैध मोबाइल बूस्टर लगाने पर कार्रवाई और दंड के बारे में सूचित किया गया। यह कार्रवाई उन परिसरों के मालिकों पर की जा सकती है जिन्होंने ऐसे अवैध पुनरावर्तक स्थापित किए हैं। 

डॉट के अनुसार, ‘‘जब एक अवैध बूस्टर लगाया जाता है, तो मौजूदा नेटवर्क में बाधा पहुंचाती है और इस कॉल ड्राप की समस्या आती है। कई नोटिसों के बावजूद, भारत में अवैध रूप से मोबाइल बूस्टर बेचे और स्थापित किए जा रहे हैं।’’ बयान में कहा गया है कि लोगों में जागरुकता की कमी है। जहां इस प्रकार के अवैध बूस्टर लगे हैं उसके आसपास के लोगों को कानून और नियमनों के बारे में जानकारी होनी चाहिये। 

इंस्पेक्शन पर बोलते हुए अरविंद मृनू, आईआरआरएस, इंजीनियर-इन-चार्ज, आईएमएस दिल्ली, ने कहा, “हमने डब्ल्यूएमओ के निदेशक श्री आरके सक्सेना के मार्गदर्शन में जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि नई दिल्ली/एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से स्थापित वाईडबैंड बूस्टर के हानिकारक प्रभाव के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा की जा सके। ये वाइडबैंड बूस्टर टेलिकॉम ऑपरेटरों द्वारा प्रदान किए गए सिग्नल्स को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों ने स्वेच्छा से रिपीटर्स को सरेंडर किया और अपने क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार के बारे में जानकारी दी। दिल्लीवासियों से हमारी गुजारिश है कि वे नेटवर्क सिग्नल से संबंधित किसी भी समस्या के लिए अपने टेलिकॉम ऑपरेटरों से संपर्क करें।"

DoT के वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) के अनुसार, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के अनुसार अवैध रिपीटर्स लगाना, उसे रखना या बेचना एक दंडनीय अपराध है। मोबाइल ऑपरेटर ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने और नेटवर्क विस्तार पर भारी निवेश करते हैं, वहीं अवैध बूस्टर मोबाइल नेटवर्क में समस्या पैदा करते हैं। अथॉरिटी को इन इंस्टॉलेशन पर नकेल कसने और सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

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