A
Hindi News पैसा बिज़नेस GST को सरल बनाए सरकार, CAIT ने ऐसा न होने पर 26 फरवरी को भारत बंद करने का किया ऐलान

GST को सरल बनाए सरकार, CAIT ने ऐसा न होने पर 26 फरवरी को भारत बंद करने का किया ऐलान

कैट के मुताबिक भारत बंद के आह्वान को ‘ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) का भी समर्थन मिल रहा है, और एसोसिएशन 26 फरवरी को चक्का जाम करेगी।

<p>26 फरवरी को बंद का...- India TV Paisa Image Source : PTI 26 फरवरी को बंद का ऐलान

नई दिल्ली। व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रावधानों की समीक्षा की मांग को लेकर भारत बंद के आह्वान के कारण देश भर में 26 फरवरी को सभी व्यावसायिक बाजार बंद रहेंगे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कठोर प्रावधानों को समाप्त करने की मांग को लेकर 26 फरवरी को देश भर में 1500 स्थानों पर धरना दिया जाएगा। संगठन ने जीएसटी व्यवस्था को सरल और युक्तिसंगत बनाने के लिये कर प्रणाली तथा कर स्लैब की समीक्षा की मांग की है ताकि एक साधारण व्यापारी भी आसानी से माल एवं सेवा कर के प्रावधानों का पालन कर सके।

यह भी पढ़ें:भारत से टक्कर लेने की कोशिश में पाकिस्तान से हुई बड़ी गलती, तंगी के बीच बढ़ गया घाटा

यह भी पढ़ें: नौकरी की तलाश करने वालों के लिए खुशखबरी, ये कंपनी करने  जा रही है बंपर भर्ती

कैट  के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि संगठन इस मामले में सरकार से बात कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैट के भारत बंद के आह्वान को ‘ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) समर्थन कर रहा है और 26 फरवरी को चक्का जाम करेगा। खंडेलवाल ने कहा, ‘‘26 फरवरी को देश भर के सभी बाजार बंद रहेंगे और सभी राज्यों के अलग-अलग शहरों में विरोध स्वरूप धरना का आयोजन किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि कैट के साथ 40,000 से अधिक व्यापारी संघ बंद का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी को एक सरलीकृत और युक्तिसंगत कर प्रणाली बनाने की जरूरत है जिसमें एक साधारण व्यापारी भी आसानी से जीएसटी के प्रावधानों का पालन कर सके। ‘‘स्वैच्छिक अनुपालन’’ एक सफल जीएसटी व्यवस्था की कुंजी है।’’ खंडेलवाल ने कहा कि चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक लगभग 950 संशोधन किये गये हैं। जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों से जुड़े मुद्दे तथा अनुपालन बोझ बढ़ना कर व्यवस्था की प्रमुख खामियां हैं।

Latest Business News