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Hindi News पैसा बिज़नेस कमर्शियल माइनिंग से आयात बिल में सालाना 30,000 करोड़ रुपये की बचत संभव: कोयला मंत्री

कमर्शियल माइनिंग से आयात बिल में सालाना 30,000 करोड़ रुपये की बचत संभव: कोयला मंत्री

निजी कंपनियों के लिये कोयला क्षेत्र को खोले जाने से तीन लाख से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद

<p>commercial mining</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE commercial mining

नई दिल्ली। कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोयला ब्लाक की कमर्शियल माइनिंग से शुष्क ईंधन के आयात में खर्च होने वाले करीब 30,000 करोड़ रुपये सालाना की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। उन्होंने कहा कि देश अभी भी अपनी जरूरत का करीब पांचवां हिस्सा यानी 20 प्रतिशत कोयला आयात करता है और इस पर मूल्यवान विदेशी मुद्रा खर्च होती है।

वाणिज्यिक खनन के लिये ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘एक बार वाणिज्यिक खनन में तेजी आती है, तापीय कोयले का आयात रूक जाएगा। इससे आयात मद में खर्च होने वाले करीब 30,000 करोड़ रुपये सालाना या करीब 5 अरब डॉलर प्रति वर्ष की बचत होगी।’’ जोशी ने कहा कि इतना ही नहीं निजी कंपनियों के लिये कोयला क्षेत्र को खोले जाने से तीन लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चूंकि ये खदान देश के पिछड़े क्षेत्रों में स्थित हैं, ऐसे में वाणिज्यिक कोयला खनन से इन राज्यों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। इससे विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को गति मिलेगी।

कोयला मंत्री ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन खुले बाजार की दिशा में एक कदम है और अधिक उदारीकृत व्यवस्था के साथ निवेशकों की आजादी से बाजार अवसर का बेहतर उपयोग हो पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वाणिज्यिक खदानों में कोयला कर्मचारियों के लिये कल्याण से जुड़े प्रावधान कोल इंडिया के समरूप होंगे। जोशी ने कहा,‘‘ इसको लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है कि निजी और सार्वजनिक खनन के लिये अलग-अलग मानदंड होंगे।’’ बिक्री के लिये रखे गये कुल 41 खदानों में से 34 में पूर्ण रूप से जांच-परख की जा चुकी है जबकि चार का आंशिक रूप से पता लगाया जा चुका है। वहीं तीन का क्षेत्रीय रूप से पता लगाया गया है। कुल 41 खदानों में से 11 मध्य प्रदेश में, नौ-नौ छत्तीसगढ़, ओड़िश और झारखंड में तीन महाराष्ट्र में हैं। इन खदानों में बांदेर (महाराष्ट्र), ब्रह्माडिहा (झारखंड), चेंदीपाड़ा (ओड़िशा), फतेहपुर पूर्वी (छत्तीसगढ़), गोटीटोरिया पूर्वी (मध्य प्रदेश) शामिल हैं। कोयला मंत्रालय के अनुसार बोली के लिये सभी प्रकार के कोयला ब्लाक उपलब्ध हैं। इनमें 37 नॉन-कोकिंग, दो कोकिंग और दो मिश्रित यानी कोकिंग और नॉन-कोकिंग दोनों हैं।

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