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Hindi News पैसा बिज़नेस बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया नवंबर 2019 में 45 प्रतिशत बढ़कर 81,085 करोड़ रुपए पहुंचा

बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया नवंबर 2019 में 45 प्रतिशत बढ़कर 81,085 करोड़ रुपए पहुंचा

बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया नवंबर, 2019 में सालाना आधार पर करीब 45 प्रतिशत बढ़कर 81,085 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

NTPC Limited, Adani Power, Damodar Valley Corporation, NTPC, NHPC, discom- India TV Paisa Discoms' outstanding dues to power gencos rise 45 per cent to Rs 81,085 crore in November । File Photo

नयी दिल्ली। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया नवंबर, 2019 में सालाना आधार पर करीब 45 प्रतिशत बढ़कर 81,085 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। बिजली मंत्रालय के वेब-पोर्टल प्राप्ति (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फोर ब्रिंगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इनवॉयसिंग ऑफ जेनरेटर्स) के अनुसार, नवंबर 2018 में वितरण कंपनियों पर उत्पादक कंपनियों का कुल 54,834 करोड़ रुपए बकाया था। नवंबर, 2019 तक बिजली उत्पादक कंपनियों द्वारा दी गई 60 दिन की 'ग्रेस' की अवधि समाप्त होने के बाद कुल बकाया राशि 71,782 करोड़ रुपए रही जो साल भर पहले 41,503 करोड़ रुपए थी। 

पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, नवंबर, 2019 में बकाया राशि में अक्टूबर की तुलना में भी बढ़ोतरी हुई। अक्टूबर में डिस्कॉम पर उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया 80,635 करोड़ रुपए था। आंकड़ों के अनुसार राजस्थान, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों की कुल बकाए में अधिक हिस्सेदारी है। भुगतान में देरी वाले राज्यों में दिल्ली की वितरक कंपनियों ने भुगतान करने में 969 दिन का समय लिया है। बड़े राज्यों में आंध्र प्रदेश 943 दिन के साथ सबसे ऊपर रहा। उसके बाद राजस्थान ने 942 दिन, बिहार ने 942 दिन, हरियाणा ने 940 दिन, तमिलनाडु ने 938 दिन, मध्य प्रदेश ने 927 दिन और तेलंगाना ने 920 दिन में भुगतान किया है।

निजी कंपनियों में अडाणी पावर का सर्वाधिक बकाया

नवंबर, 2019 में वितरण कंपनियों पर कुल 71,782 करोड़ रुपए के पुराने बकाये में स्वतंत्र बिजली उत्पादकों की 26 प्रतिशत से हिस्सेदारी है। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी का वितरक कंपनियों पर 12,483.16 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके बाद एनएलसी इंडिया का 4,380.22 करोड़ रुपए, एनएचपीसी का 3,165.11 करोड़ रुपए, टीएचडीसी का 2,078.30 करोड़ रुपए और दामोदर वैली कॉरपोरेशन का 936.59 करोड़ रुपए का बकाया है। निजी कंपनियों में अडाणी पावर का सर्वाधिक 3,201.68 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा बजाज समूह की कंपनी ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड का 2,212.66 करोड़ रुपए और जीएमआर का 1,930.16 करोड़ रुपए बकाया है। 

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