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Hindi News पैसा बिज़नेस कृषि कानूनों पर कांग्रेस कर रही गुमराह, बातचीत के लिए आगे आएं किसान: कटारिया

कृषि कानूनों पर कांग्रेस कर रही गुमराह, बातचीत के लिए आगे आएं किसान: कटारिया

राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि आज भी मोदी सरकार खड़ी है कि किसान बातचीत के लिए टेबल पर आएं। इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों से विनती है कि वे वार्ता के लिए टेबल पर आएं और इस समस्या को हल करें।

<p>'किसानों बातचीत के...- India TV Paisa Image Source : PTI 'किसानों बातचीत के लिए आगे आएं'

नई दिल्ली| केंद्रीय जल शक्ति, सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए ही तीन कानून लाए हैं, इसलिए आंदोलनरत किसानों को बातचीत की मेज पर वापस आकर मसले का समाधान करना चाहिए, क्योंकि इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।

राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा, "आज भी मोदी सरकार हाथ जोड़कर खड़ी है कि किसान बातचीत के लिए टेबल पर आएं। इस आंदोलन से देश को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों से हाथ जोड़कर विनती है कि वे वार्ता के लिए टेबल पर आएं और इस समस्या को हल करें।"

उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब इन तीन कानूनों के जरिए किसानों की आमदनी दोगुनी होगी। रतनलाल कटारिया अंबाला से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं। किसान आंदोलन के सिलसिले में प्रदेश के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों के सिलसिले में पूछे गए सवालों पर उन्होंने कहा, "जिन राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन के बहाने प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश की थी, उनके मंसूबे धराशायी हो गए हैं। जो हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे, उनका अपना ही आत्मविश्वास डगमगा गया है।"

उन्होंने कहा, "किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ही हमने तीन कानून लाए हैं। इन कानूनों को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य दलों द्वारा किसानों को दिग्भ्रिमित करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इन दलों को इसके परिणामस्वरूप कड़ी शिकस्त मिलेगी।" कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "ये लोग सदन में चर्चा नहीं होने देते हैं। बार-बार वॉकआउट करके ये लोग संसद का ही नहीं, बल्कि देश का समय बर्बाद करते हैं। इनकी कथनी और करनी में अंतर है। आठ मार्च को कांग्रेस के एक नेता संसद में बोले कि सोनिया गांधी जी चाहती हैं कि आज ही संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किया जाए। लेकिन जब स्पीकर ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा होगी तो वे वॉकआउट करके चले गए। पूरा देश इनका दोहरा चरित्र देख रहा है।"

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