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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकार ने घरेलू उड़ानों की संख्या कोविड-19 से पहले के स्तर के मुकाबले 70 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत की

सरकार ने घरेलू उड़ानों की संख्या कोविड-19 से पहले के स्तर के मुकाबले 70 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत की

देश में लॉकडाउन के दौरान उड़ानों पर रोक के बाद 25 मई से अनुसूचित घरेलू यात्री सेवाओं को फिर से शुरू किया था। हालांकि, उस समय विमानन कंपनियों को अपनी कोविड-पूर्व ​​घरेलू उड़ानों की संख्या के 33 प्रतिशत से अधिक का संचालन करने की अनुमति नहीं थी, इसे अब धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है।

<p>घरेलू उड़ानों में...- India TV Paisa Image Source : PTI घरेलू उड़ानों में छूट बढ़ी

नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों के लिए घरेलू उड़ान संचालन संख्या को कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत कर दिया गया है। मंत्री ने 11 नवंबर को कहा था कि विमानन कंपनियां कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले 70 प्रतिशत घरेलू यात्री उड़ानों का संचालन कर सकती हैं। केंद्रीय मंत्री के ऐलान के बाद डीजीसीए ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि घरेलू उड़ानों की मौजूदा स्थिति और यात्रियों की मांग को देखते हुए 70 फीसदी क्षमता को बढ़ाकर 80 फीसदी किया गया है।  

इससे पहल उड्डयन मंत्री ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘‘घरेलू परिचालन 25 मई को 30,000 यात्रियों के साथ शुरू हुआ और अब 30 नवंबर 2020 को इसने 2.52 लाख का आंकड़ा छू लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नागर विमानन मंत्रालय अब घरेलू परिचालकों के लिए कोविड से पहले के मुकाबले संचालन की स्वीकृत क्षमता को 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत तक करने की अनुमति दे रहा है।’’ मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से दो महीने की रोक के बाद 25 मई से अनुसूचित घरेलू यात्री सेवाओं को फिर से शुरू किया था। हालांकि, उस समय विमानन कंपनियों को अपनी कोविड-पूर्व ​​घरेलू उड़ानों की संख्या के 33 प्रतिशत से अधिक का संचालन करने की अनुमति नहीं थी और फिर इसे क्रमिक रूप से बढ़ाया गया।

हालांकि सरकार ने पहले से ही साफ किया है कि उड़ानों में कोरोना को लेकर सभी जरूरी सावधानियों और नियमों का पालन किया जाएगा। फिलहाल देश से विदेशों के लिए सामान्य उड़ानों पर रोक लगी हुई है। हालांकि कुछ देशों के साथ खास समझौतों के तहत विशेष अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को ही मंजूरी दी जा रही है। कोरोना संकट की वजह से जिन सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है उसमें एविएशन सेक्टर शामिल है।

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