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Hindi News पैसा बिज़नेस अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिये वृद्धि की रफ्तार तेज करने की जरूरत: RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास

अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिये वृद्धि की रफ्तार तेज करने की जरूरत: RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की वकालत करते हुए यह बात कही।

अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिये वृद्धि की रफ्तार तेज करने की जरूरत: RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास- India TV Paisa Image Source : PTI अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिये वृद्धि की रफ्तार तेज करने की जरूरत: RBI गवर्नर शक्तिकान्त दास

मुंबई: अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार को मजबूत करने और तेजी से कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचने के लिए वृद्धि की रफ्तार को तेज करने की जरूरत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की वकालत करते हुए यह बात कही। बैठक के सोमवार को जारी ब्योरे से यह जानकारी मिली है। एमपीसी के सभी छह सदस्यों ने तीन फरवरी को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में रेपो दर को चार प्रतिशत पर यथावत रखने के पक्ष में मत दिया। सभी सदस्यों ने इसके लिए समान कारण बताए। 

बैठक के ब्योरे के अनुसार, दास ने कहा, ‘‘हालांकि, वृद्धि अभी असमतल है, लेकिन यह रफ्तार पकड़ रही है। इसके अलावा देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के साथ परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’’ गवर्नर ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के सतत पुनरुद्धार के लिए वृद्धि की रफ्तार को और मजबूत करने की जरूरत है, जिससे उत्पादन को जल्द कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचाया जा सके।’’ 

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दास ने कहा कि मुद्रास्फीति में भारी गिरावट तथा निकट भविष्य के स्थिर परिदृश्य के मद्देनजर मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रखने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुनरुद्धार व्यापक हो सके। रिजर्व बैंक ने पांच फरवरी को पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक के गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ने जब तक आवश्यक हो, नरम रुख को जारी रखने का फैसला किया था। 

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रिजर्व बैंक ने मध्यम अवधि में खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। एमपीसी के अन्य सदस्यों में नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च के वरिष्ठ सलाहकार शशांक भिड़े, इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान-मुंबई की प्रोफेसर अशिमा गोयल, आईआईएम-अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा, रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मृदुल के सग्गर और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर देवव्रत पात्रा शामिल हैं।

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