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व्हाट्सएप जासूसी कांड: इजरायली कंपनी एनएसओ से सरकार का कोई ताल्लुक नहीं- सूत्र

व्हाट्सएप के जरिए दुनियाभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों की जासूसी के लिए जिम्मेदार सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ के साथ सरकार का कोई ताल्लुक नहीं है।

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नयी दिल्ली। व्हाट्सएप के जरिए दुनियाभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों की जासूसी के लिए जिम्मेदार सॉफ्टवेयर बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ के साथ सरकार का कोई ताल्लुक नहीं है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा कि व्हाट्सएप ने जून से अब तक हुई कई दौर की बातचीत में एक बार भी पेगासस हैकिंग घटना का उल्लेख नहीं किया। इसे लेकर सरकार चिंतित है। उसने कहा कि सरकार दुर्भावनापूर्ण संदेशों की सामग्री के बजाय उसका स्रोत जानने पर जोर देगी।

इसके अलावा सरकार जासूसी की घटना की विस्तार से जानकारी देने के लिए भी कहेगी। उसने प्रश्न उठाया कि यह व्हाट्सएप संदेशों के स्रोत की जानकारी तथा जवाबदेही तय करने के लिए कोई कदम उठाने से सरकार को रोकने के लिए कंपनी की ओर से कोई अडंगा लगाने जैसी चाल तो नहीं है। सरकार हैकिंग मामले के खुलासे के समय को लेकर भी सवाल कर रही है। यह इस कारण महत्वपूर्ण हो जाता है कि केंद्र सरकार ने देश में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के उपाय के लिए उच्चतम न्यायालय से तीन महीने का समय मांगा है।

व्हाट्सएप को 4 नवंबर तक सरकार को देना है जवाब

सरकार ने कंपनी को चार नवंबर तक जवाब देने को कहा है। जवाब मिलने के बाद सरकार आगे की कार्यवाही के बारे में निर्णय लेगी। इजरायली कंपनी एनएसओ ने इस बीच कहा है कि वह अपनी प्रौद्योगिकी सिर्फ लाइसेंस प्राप्त सरकारी सतर्कता विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ही बेचती है। उसने कहा कि उसकी प्रौद्योगिकी आतंकवाद तथा गंभीर अपराधों से लड़ने के लिये है, न कि सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के लिये। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि एनएसओ ने भारत में किसे उक्त सॉफ्टवेयर मुहैया कराया और किसके कहने पर जासूसी की गयी। सूत्र ने कहा कि सरकार और एनएसओ के बीच कोई मामला नहीं है। यह व्हाट्सएप और एनएसओ की लड़ाई है। सरकार सिर्फ इस कारण चिंतित है कि जासूसी का शिकार हुए लोगों में भारतीय नाम भी शामिल हैं।

फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप के दुनिया भर में डेढ़ अरब से अधिक उपयोक्ता हैं। इसमें सिर्फ भारत से ही करीब 40 करोड़ उपयोक्ता हैं। व्हाट्सएप इससे पहले भी फर्जी खबरों के प्रसार को लेकर सरकार के निशाने पर रह चुकी है। इस बीच व्हाट्सऐप ने शुक्रवार को कहा कि उसने हैकिंग मामले में ठोस कदम उठाया है और वह सभी नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत पर भारत सरकार का समर्थन करती है। व्हाट्सएप के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम सभी भारतीय नागरिकों की निजता की सुरक्षा की जरूरत को लेकर भारत सरकार के कठोर बयान से सहमत हैं। इसी कारण हमने साइबर हैकरों की जवाबदेही तय करने के लिये ठोस कदम उठाये हैं और इसी कारण व्हाट्सऐप अपनी सेवाओं के जरिये सभी उपयोक्ताओं के संदेशों की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है।'

हालांकि प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि व्हाट्सएप ने सरकार के स्पष्टीकरण का जवाब दिया है या नहीं। उल्लेखनीय है कि व्हाट्सएप ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की वैश्विक स्तर पर जासूसी किए जाने का गुरुवार को खुलासा किया था। उसने बताया था कि कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस जासूसी के शिकार हुए हैं। सरकार ने इसके बाद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए व्हाट्सऐप से मामले का स्पष्टीकरण देने को कहा। सरकार ने यह भी पूछा कि व्हाट्सएप ने लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किये हैं। 

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