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बड़ी खबर: सोने की ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा बढ़ी, जानिये कब से लागू होंगे नियम

ग्राहकों को सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिये सरकार जल्द से जल्द गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना चाहती है

<p>अनिवार्य...- India TV Paisa Image Source : PTI अनिवार्य हॉलमार्किंग की समयसीमा बढ़ी

नई दिल्ली। सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की समयसीमा बढ़ा दी गयी है। कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने ज्वैलर्स के आग्रह को मान लिया है। अब सोने पर अनिवार्य हॉलमार्किंग के नियम 15 जून 2021 से लागू होंगे। पहले इन नियमों को पहली जून से लागू होना था।  

क्या है सरकार का फैसला
ग्राहकों को सोने की खरीद में होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिये सरकार जल्द से जल्द गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना चाहती है, हालांकि लगातार इसकी समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। पिछले 2 बार से कोरोना संकट की वजह से होने वाली दिक्कतों को देखते हुए ज्वैलर्स की मांग पर ये समयसीमा बढ़ाई गयी। इसी वजह से सरकार ने इस बार एक कमेटी का गठन किया है, जो नियमों को लागू करने में आ रही समस्याओं को दूर करेगी, और कोशिश करेगी 15 जून तक सभी मामलों का निपटारा कर नियमों को लागू कर दिया जाये। इसमें बीआईएस के डीजी प्रमोद तिवारी, अतिरिक्त सचिव निधि खरे, उपभोक्ता मामले और ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि, कारोबारी एवं अन्य संबंधित पक्ष कमेटी का हिस्सा होंगे।

क्या होती है हॉलमार्किंग

भारत में सोने की शुद्धता पर भारतीय मानक ब्यूरो नजर रखता है। ब्यूरो के मापदंडों के आधार पर  ब्यूरो के द्वारा तय किए गए केंद्रों में आभूषण की जांच की जाती है जिसके बाद जांच की मुहर आभूषण पर लगती है, जिसे हॉलमार्किंग कहते हैं। इस हॉलमार्किंग में बीआईएस की मुहर, सोने की कैरेट की जानकारी, केंद्र का लोगो और हॉलमार्किंग कराने वाले की जानकारी सहित कुल 4 मार्किंग होती है। यानि जिस आभूषण पर हॉलमार्किंग लगी होती है उसे देखकर ग्राहक सोने के बारे सभी जानकारी पा सकता है, और धोखाधड़ी से बच सकता है।
क्या होगा ग्राहकों को फायदा

देश में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग के ही आभूषण अनिवार्य होने से ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। दरअसल ग्राहकों की तरफ से सोने की शुद्धता को लेकर शिकायतें आम थी। जिसमें ज्यादा कैरेट की कीमत पर कम कैरेट के आभूषणों की बिक्री की शिकायतें थीं। हालांकि हॉलमार्किंग से इस तरह की धोखाधड़ी खत्म हो सकेगी। क्योंकि ग्राहक सोने की शुद्धता जान सकेंगे। वहीं इससे ईमानदारी से काम करने वाले ज्वैलर्स को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

 

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