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Hindi News पैसा बिज़नेस स्मार्टफोन बाजार पर दिखा Make In India का असर, इंडियन ब्रांड्स पर बढ़ा यूजर्स का भरोसा

स्मार्टफोन बाजार पर दिखा Make In India का असर, इंडियन ब्रांड्स पर बढ़ा यूजर्स का भरोसा

इस साल जनवरी से मार्च के दौरान भारत में बिके कुल स्मार्टफोन में से 45 फीसदी भारतीय कंपनियों के थे।

#MakeInIndia Impact: स्मार्टफोन बाजार में बढ़ा इंडियन कंपनियों का दबदबा, कंज्यूमर की पर्चेजिंग पावर भी बढ़ी- India TV Paisa #MakeInIndia Impact: स्मार्टफोन बाजार में बढ़ा इंडियन कंपनियों का दबदबा, कंज्यूमर की पर्चेजिंग पावर भी बढ़ी

नई दिल्ली। 2016 में जनवरी से मार्च के दौरान भारत में बिके कुल स्मार्टफोन  में से 45 फीसदी भारतीय कंपनियों के थे। मार्केट रिसर्च फर्म साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) की ओर से हाल में जारी की गई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है, जब बाजार के 45 फीसदी हिस्से पर भारतीय कंपनियां अपना दबदबा बनाने में कामयाब रही है। हालांकि, इसके बाद भी दक्षिण कोरिया की कंपनी सैमसंग इस दौड़ में अव्वल है। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है।

 भारतीय प्रोडक्ट्स पर बढ़ता इंडियन यूजर्स का भरोसा

CMR के एनालिस्ट कृष्णा मुखर्जी के अनुसार भारत सरकार का मेक इन इंडिया प्रोग्राम देश के स्मार्टफोन निर्माताओं को प्रोत्साहित कर रहा है। ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षक करने के लिए घरेलू निर्माता और आक्रमक होकर बाजार में अपने बेहतर प्रोडक्ट्स लाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ समय पहले तक यूजर्स के मन में भारतीय प्रोडक्ट्स को खरीदने से पहले एक डर था, जो कि धीरे-धीरे अब कम हो रहा है।

भारत में स्मार्टफोन के लोकल और वैश्विक ब्रांड के बीच कड़ी टक्कर है। वर्ष 2015 में चीन की कई टॉप कंपनियों ने भारत के बाजार मे अपने तमाम प्रोडक्ट लॉन्च किए और चीन की कंपनियों ने भारत के 22 फीसदी बाजार पर कब्जा कर लिया। जो पहले की तुलना में 12 फीसदी से बढ़कर लगभग दो गुना हो गया। वहीं दूसरी ओर जिन भारतीय कंपनियों का 2014 में स्मार्टफोन के 44 फीसदी बाजार पर कब्जा था वह 2015 में घटकर 38 फीसदी रह गया। यह बात मार्केट रिसर्च फर्म IDC की ओर से जारी रिपोर्ट में सामने आई।

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इस साल (2016) जनवरी से मार्च के बीच एक यूजर्स ने स्मार्टफोन पर औसतन 12,983 रुपए खर्च किए हैं। ये आंकड़ा 2015 की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है, जबकि 2014 से तुलना की जाए तो यह रकम करीब 25 फीसदी ज्यादा है।

CMR के एक अन्‍य एनालिस्ट फैजल कावूसा का कहना है कि यह भारतीय कंपनियों के लिए संकेत है कि वह प्रीमियम सेगेमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ा लें, जो कि मौजूदा समय में न के बराबर है। भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेट में सैमसंग और एप्पल का दबदबा है।

तस्वीरों मे देखिए बाजार में मिलने वाले सबसे सस्ते स्मार्टफोन

CHEAPEST SMARTPHONES

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स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ी पर्चेजिंग पावर

कावूसा के मुताबिक यह हमने पहली बार देखा है कि कुल स्मार्टफोन शिपमेंट्स या सेल्स में 22 फीसदी योगदान 10,000 से 15,000 रुपए के प्राइस बैंड वाले फोंस का है। सामान्य तौर पर मुख्य योगदान 6,000 रुपए से 8,000 रुपए के बीच के स्मार्टफोन का होता था। इन आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारतीय कंपनियों के लिए अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं।

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