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Hindi News पैसा बिज़नेस PM मोदी से प्रेरित 5 युवाओं ने किया कमाल का आविष्कार, कोरोना से मुकाबले में मिलेगी मदद

PM मोदी से प्रेरित 5 युवाओं ने किया कमाल का आविष्कार, कोरोना से मुकाबले में मिलेगी मदद

ईको फ्रेंडली लिक्विड फ्री सेनेटाइजर पर खर्च होने वाली बिजली की लागत एक LED बल्ब पर खर्च होने वाली बिजली से भी कम है। फिलहाल भारतीय रेल और कर्नाटक सरकार ने ये डिवाइस खरीदे हैं।

<p>5 युवाओं ने बनाया...- India TV Paisa 5 युवाओं ने बनाया लिक्विड फ्री इलेक्ट्रॉनिक सेनेटाइजर

नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर बेंगलुरु में रह रहे 5 होनहारों ने एक कमाल का आविष्कार किया है, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे इन युवाओं ने दुनिया का पहला लिक्विड फ्री इलेक्ट्रॉनिक सेनिटाइजर बनाया है जो 5 सेकेंड्स के अंदर आपकी हथेली में मौजूद किसी भी तरह के वाइरस या बैक्टरिया को खत्म कर सकता है, NABL ने "विज़ क्लेंज़र ई सेनिटाइजर" नाम के इस प्रोडक्ट को मान्यता दे दी है, 5 युवाओं के इस इनोवेशन ने स्टार्ट अप का रूप ले लिया है, सुचंद्रा टेक्नोलॉजीस प्राइवेट कम्पनी की क्लाइंट लिस्ट में भारतीय रेल और कर्नाटक सरकार का नाम जुड़ चुका है इसके अलावा भी कई कंपनियां और व्यक्तिगत तौर पर लोग इस आविष्कार को हाथों हाथ खरीद रहे हैं।

कौन हैं ये युवा

बेंगलुरु के R V इंजीनियरिंग कॉलेज  में पढ़ रहे सिद्ध रुढा अंगड़ी, अब्दुल रहमान इस कम्पनी के संस्थापक हैं और इस अनूठे आविष्कार को अमली जामा पहनाने में संदेश शेट्टी, बायोलॉजिस्ट आरती और प्रोडक्ट टेस्टर एंड एनेलाइजर परिभाषा ने इनका साथ दिया है। अटल इनोवेशन मिशन के तहत अप्रैल में कोविड इनोवेशन चैलेंज में इस प्रोडक्ट को पहला स्थान मिला है, जल्द ही इसका नाम गिनीज बुक्स ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जुड़ने जा रहा है

कैसे काम करता है विज़ क्लेंज़र ई सेनिटाइजर

बिजली से चलने वाली ये मशीन ओज़ोन और प्लाज़्मा तकनीक पर काम करती है यानी डबल सेनिटाइजर का काम करती है, ये एक ईको फ्रेंडली डिवाइस है और इस पर खर्च होने वाली बिजली की लागत एक LED बल्ब पर खर्च होने वाली बिजली से भी कम है। डिवाइस में मौजूद तकनीक करंट और हवा में मौजूद ऑक्सीजन की मदद से ओज़ोन का निर्माण करती है, ये ओज़ोन हथेली में मौजूद वायरस को नष्ट कर देता है। प्लाज़्मा तकनीक माइक्रोब्स, वाइरस और बैक्टीरिया की कोशिका दीवार को तोड़कर वाइरल के RNA को नष्ट कर देती है जिससे वाइरस इन एक्टिव हो जाता है।

कैसे आया ये आइडिया

टीम लीड सिद्ध रुढा अंगड़ी के मुताबिक PM मोदी के आत्मनिर्भर भारत की बात ने उन्हें बहुत प्रभावित किया, लगातार ये रिपोर्ट्स आ रही थीं कि लिक्विड हैंड सेनिटाइजर में एथेनॉल ( एल्कोहल) की मात्रा बहुत ज्यादा होने के चलते ज्यादा इस्तेमाल होने पर ये हथेलियों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है,  लॉकडाउन के दौरान सिद्धरूढा अंगड़ी ने सोचा कि लिक्विड फ्री सेनिटाइजर बनाना चाहिए, टीम के बाकी लोगों और RV इंजीनियरिंग कॉलेज ने उसकी मदद की और 3 महीने के भीतर असरदार लिक्विड फ्री ई सेनिटाइजर तैयार हो गया

क्या है कीमत

ई सेनिटाइजर एक वन टाइम इन्वेस्टमेंट है कीमत साढ़े 7 हजार से 9 हजार तक है, एक बार शुरू होने के बाद ये अनगिनत संख्या तक सेनिटाईइजेशन का काम कर सकता है, सिर्फ हाथों को नहीं बल्कि इसकी मदद से फल सब्जी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को छोड़कर बाकी सभी चीजों को कोरोना वाइरस मुक्त किया जा सकता है।

इस आविष्कार का लाभ आम लोगों को मिले इसके लिए रेलवे ने 4 डिवाइस खरीदकर महाराष्ट्र में इसे इंस्टाल किया है फिलहाल इसे अधिकारी इस्तेमाल कर रहे हैं और जैसे जैसे रेल सेवा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी ये आम लोगों तक भी पहुँच जाएगा, अब तक मोदी से प्रेरित इन युवाओं की स्टार्ट अप कम्पनी सुचंद्रा टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड को 78 ई सेनिटाइजर के ऑर्डर्स मिल चुके हैं, कर्नाटक सचिवालय और हुब्बली के एक स्कूल में भी इसे इंस्टाल किया जा चुका है। 

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