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Hindi News पैसा बिज़नेस पाकिस्तान और ईरान को चीनी निर्यात से 60 लाख टन एक्सपोर्ट टारगेट पूरा होने की उम्मीद: ISMA

पाकिस्तान और ईरान को चीनी निर्यात से 60 लाख टन एक्सपोर्ट टारगेट पूरा होने की उम्मीद: ISMA

<p>ISMA says Sugar exports to Pakistan and Iran expected to...- India TV Paisa Image Source : AP ISMA says Sugar exports to Pakistan and Iran expected to meet 6 million tonnes export target 

भारत के चीनी उद्योग के लिए पाकिस्तान की ओर से आयात खोलने की घोषणा मिठास लेकर आई है। पाकिस्तान सरकार ने 5 लाख टन चीनी आयात को अनुमति दे दी है। दूसरी ओर भारत की सरकार ईरान के साथ भी वैकल्पिक मुद्रा में कारोबार के विकल्प खोज रही है। भारतीय चीनी उद्योगों के संगठन ISMA का मानना है कि पाकिस्तान और ईरान से आई इन अच्छी खबरों से भारतीय चीनी उद्योग अपने निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। बता दें कि सरकार ने इस साल के लिए 60 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य लक्ष्य तय किया है। 

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इस्मा ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि सरकार ईरान को चीनी निर्यात की सुविधा के लिए वैकल्पिक मुद्रा विनिमय विकल्प खोजने के लिए काम कर रही है। इसे लेकर हमें जल्द समाधान की उम्मीद है। दूसरी ओर ब्राजील में गन्ना पिराई में देरी से भी भारतीय उद्योगों को मदद मिली है। वहीं पाकिस्तान सरकार ने 5 लाख टन चीनी के आयात की अनुमति दी है और हाल ही में भारत से भी चीनी के आयात की अनुमति दी है। पाकिस्तान द्वारा चीनी के आयात को फिर से शुरू करने से भारत से चीनी निर्यात के लिए एक और बाजार खुल जाएगा। वहीं इससे सितंबर, 2021 तक 60 लाख टन चीनी निर्यात का लक्ष्य पूरा करने में भी मदद मिलेगी। 

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पिछले साल से 44.43 लाख अधिक उत्पादन

इस्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल 44.43 लाख टन अधिक चीनी का उत्पादन हुआ है। 31 मार्च 2021 तक चीनी मिलों ने 277.57 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। जबकि पिछले साल 31 मार्च 2020 तक 233.14 लाख टन का उत्पादन हुआ था। अब तक 503 चीनी मिलें गन्ने की पेराई कर रही थीं। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 457 मिलों का था। इस वर्ष 282 मिलों ने पेराई बंद कर दी है। इस वर्ष 31 मार्च, 2021 तक संचालित 221 मिलों की तुलना में, पिछले वर्ष इसी तारीख को 186 मिलें चल रही थीं।

गन्ना मिलों पर किसानों का 22900 करोड़ बकाया

सरकार द्वारा 28 फरवरी, 2021 को वेब-साइट पर दी गई अनुसारचालू सीजन में खरीदे गए गन्ने के लिए चीनी मिलों का 22,900 करोड़ रुपये बकाया है। जबकि पिछले साल किसानों का मिलों पर बकाया 19,200 करोड़ रुपये था। गन्ना किसानों और चीनी मिलों को मिलों द्वारा राजस्व वसूली में सुधार और किसानों को भुगतान करने के उपाय के रूप में चीनी के एमएसपी में वृद्धि के संबंध में सरकार द्वारा शीघ्र घोषणा की उम्मीद है।

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