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Hindi News पैसा बिज़नेस लक्ष्मी विलास बैंक से धन निकालने पर लगा प्रतिबंध, 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं

लक्ष्मी विलास बैंक से धन निकालने पर लगा प्रतिबंध, 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं

रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक से धन निकालने की सीमा लगा दी है, अब जमाकर्ता 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकेंगे। ये नियम फिलहाल 16 दिसंबर तक लागू रहेगा। मेडिकल और शिक्षा से जुड़े खर्चों पर विशेष अनुमति के साथ जमाकर्ता ज्यादा रकम निकाल सकते हैं।

<p>16 दिसंबर तक 25 हजार से...- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO 16 दिसंबर तक 25 हजार से ज्यादा की निकासी नहीं

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक पर मोराटोरियम की शर्ते लागू कर दी हैं। आरबीआई ने जानकारी दी है कि मोराटोरियम 17 नवंबर को शाम 6 बजे से लागू हो गया है और ये 16 दिसंबर तक लागू रहेगा। नियमों के मुताबिक इस अवधि के दौरान खाताधारक 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकेंगे। हालांकि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक कुछ खास परिस्थितियों में खाता धारक इससे ज्यादा की रकम निकाल सकते हैं। इसमें शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े खर्चे शामिल हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंक के डूबे हुए कर्ज काफी ऊंचे स्तरों पर हैं और नुकसान बढ़ता जा रहा है जिसे देखते हुए ये कदम उठाना जरूरी था। हालांकि रिजर्व बैंक ने साफ कहा है कि जमाकर्ताओं को डरने की जरूरत नहीं है उनके हित पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक की आर्थिक स्थिति में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। बैंक लगातार 3 साल से नुकसान दर्ज कर रहा है, जिससे इसकी नेट वर्थ गिर चुकी है। किसी योजना के न होने, एनपीए में लगातार बढ़त दर्ज होने से पूरी आशंका है कि बैंक के नुकसान जारी रहेंगे। इसके साथ ही बैंक मुश्किलों से निपटने के लिए जरूरी रकम भी नहीं जुटा सका है। इसके साथ ही बैंक से लगातार रकम की निकासी जारी है, जिससे बैंक की नकदी की स्थिति पर दबाव बन गया है।

साथ ही रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के पास किसी ठोस योजना के न होने की वजह से जमाकर्ताओं के साथ साथ वित्तीय और बैंकिंग स्थिरता के लिए बैंक पर मोराटोरियम की शर्ते लागू की गई हैं। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है। आरबीआई ने कहा, ‘‘विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा। इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा।’’ इससे पहले रिजर्व बैंक ने यस बैंक और पीएमसी बैंक को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाए थे। मोराटोरियम सरकार की सहमति पर किसी संस्था, प्रक्रिया या सिस्टम में चली आ रही गतिविधियों पर लगाई गई कुछ समय की रोक होती है। इस दौरान पहले से जारी सामान्य निर्देशों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जा सकती है और इस अवधि में अथॉरिटी के द्वारा दिए गए विशेष नियम मान्य होते हैं।  

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