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Hindi News पैसा बिज़नेस महंगे पेट्रोल डीजल से राहत के लिये नये पेट्रोलियम मंत्री ने उठाया कदम, तेल उत्पादक देशों से किया संपर्क

महंगे पेट्रोल डीजल से राहत के लिये नये पेट्रोलियम मंत्री ने उठाया कदम, तेल उत्पादक देशों से किया संपर्क

देश के 18 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया है। जबकि राजस्थान और ओडिशा में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक के दाम पर बिक रहा है।

<p>महंगे पेट्रोल डीजल...- India TV Paisa Image Source : PTI महंगे पेट्रोल डीजल से राहत के लिये कोशिशें तेज

नई दिल्ली। भारत में ईंधन की कीमतों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बीच देश के नए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को कम करने की जरूरत पर जोर दिया है। इस उद्देश्य से उन्होंने तेल उत्पादक देशों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। पुरी ने पिछले हफ्ते कतर के ऊर्जा मंत्री को फोन किया था और उन्होंने बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अपने समकक्ष सुलतान अहमद अल जाबेर को फोन किया। सरकार तेल उत्पादक देशों से संपर्क कर तेल उत्पादन में बढ़ोतरी के लिये माहौल बना रही है. दरअसल तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक में उत्पादन बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पा रही है जिसका असर कीमतों पर पड़ रहा है।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा, "हमने उपभोक्ताओं के लिए और सस्ती कीमतों की व्यवस्था करने के उद्देश्य से ऊर्जा क्षेत्र के दूसरे आपूर्तिकर्ताओं में स्थिरता, निश्चिंतता एवं व्यावहारिकता की भावना लाने के लिए यूएई तथा अन्य मित्र देशों के साथ मिलकर काम करने की अपनी इच्छा जतायी।" मांग में सुधार के साथ तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में फिर से तेजी आने की वजह से भारत में पेट्रोल और ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी हैं। मई में अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिर गयी थीं। देश के 18 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल ने 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि राजस्थान और ओडिशा में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक के दाम पर बिक रहा है। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यूएई के उद्योग एवं उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री तथा एडनॉक ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं ग्रुप सीईओ डॉ. सुलतान अहमद अल जाबेर के साथ फोन पर बातचीत की।’’ हमने भारत और यूएई की गतिशील द्विपक्षीय रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी में नयी ऊर्जा भरने के तरीकों पर चर्चा की।" अपनी ऊर्जा जरूरतों के 85 प्रतिशत हिस्से का आयात करने वाला भारत पिछले काफी समय से तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक और उसके सहयोगी यानी ओपेकप्लस देशों से उत्पादन में की जा रही उनकी कटौती को खत्म करने तथा तेल की कीमतों को वाजिब स्तरों पर लाने में मदद करने की अपील करता रहा है। 

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