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दो महीने में FIPB के स्थान पर होगी नई व्यवस्था, कारोबार की परिस्थितियों में होगा और सुधार

सरकार को उम्मीद है कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) के स्थान पर नई व्यवस्था अगले दो महीने में अस्तित्व में आ जाएगी।

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नई दिल्ली। सरकार को उम्मीद है कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) के स्थान पर नई व्यवस्था अगले दो महीने में अस्तित्व में आ जाएगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि इससे कारोबार करने की परिस्थिति और सुगम होगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017-18 में FIPB को समाप्त करने की घोषणा की है। जेटली ने कहा कि 90 प्रतिशत विदेशी निवेश स्वत: मंजूर मार्ग से आ रहा है और सिर्फ 10 प्रतिशत ही बोर्ड के पास भेजा जाता है।

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दास ने कहा

हम संशोधित व्यवस्था लेकर आएंगे। सरकारी मंजूरी वाले शेष 10 प्रतिशत प्रस्तावों के लिए अधिकारों का स्थानांतरण नियामकों या व्यक्तिगत मंत्रालयों या विभागों को किया जाएगा।

दो महीने में इसकी रूपरेखा हो जाएगी तैयार

  • दास ने कहा कि मंजूरी के अधिकारों का स्थानांतरण कैसे होगा और कौन इसे देखेगा, हम इसके तौर तरीकों पर काम कर रहे हैं।
  • मुझे उम्मीद है कि इसकी रूपरेखा को दो महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
  • फिलहाल मंजूरी मार्ग से भारत में FDI आवेदनों के लिए FIPB एकल खिड़की मंजूरी सुविधा उपलब्ध कराता है।
  • स्वत: मंजूर मार्ग वाले क्षेत्रों के लिए पूर्व मंजूरी की जरूरत नहीं होती और इन पर सिर्फ क्षेत्र के कानून लागू होते हैं।
  • 1990 की शुरुआत में आर्थिक उदारीकरण के आरंभ में FIPB का गठन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के तहत हुआ था।

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1996 में हुआ बोर्ड का पुनर्गठन

  • बोर्ड का 1996 में पुनर्गठन किया गया और FIPB को औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) को स्थानांतरित कर दिया गया।
  • इसके बाद 2003 में इसे आर्थिक मामलों के विभाग को स्थानांतरित किया गया।
  • चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर की अवधि में देश में FDI का प्रवाह 30 प्रतिशत बढ़कर 21.62 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

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