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Hindi News पैसा बिज़नेस प्‍याज की बढ़ती कीमतों के लिए सरकारी नीतियां हैं जिम्‍मेदार, शरद पवार ने दिया बयान

प्‍याज की बढ़ती कीमतों के लिए सरकारी नीतियां हैं जिम्‍मेदार, शरद पवार ने दिया बयान

महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है।

Sharad Pawar blames Centre's policies for soaring onion prices- India TV Paisa Image Source : PTI Sharad Pawar blames Centre's policies for soaring onion prices

नई दिल्‍ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्‍यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि वह व्यापारियों पर लगाई गई प्याज की भंडारण सीमा पर केंद्र से बात करेंगे। सरकार के इस कदम के विरोध में नासिक की ज्यादातर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) मंडियों में व्यापारी प्याज की नीलामी में लगातारे तीसरे दिन शामिल नहीं हुए। एशिया के सबसे बड़े प्याज बाजार लासलगांव एपीएमसी में भी यही स्थिति रही। महाराष्ट्र देश का प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है।

नासिक को प्याज का केंद्र माना जाता है। महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है। इसमें सभी अंशधारकों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

पवार ने कहा कि इस बारे में केंद्र के संबंधित अधिकारियों से जल्द बात की जाएगी। हालांकि, इस फैसले से किसानों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ी हैं, लेकिन नीलामी को रोकना इसका विकल्प नहीं है। ऐसे में एपीएमसी में प्याज की नीलामी जल्द शुरू की जानी चाहिए। मुंबई में प्याज का खुदरा भाव 80 से 100 रुपए किलो तक पहुंच गया है। प्याज की कीमतों पर अंकुश के लिए केंद्र ने पिछले सप्ताह खुदरा और थोक व्यापारियों पर 31 दिसंबर तक भंडारण या स्टॉक की सीमा लगा दी। सरकार ने यह कदम प्याज की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उठाया था।

खुदरा व्यापारी अब सिर्फ दो टन प्याज का भंडारण कर सकते हैं। वहीं थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 25 टन है। पवार ने व्यापारियों से कहा कि वे बाजारों को नीलामी के लिए खोलें। उन्होंने निर्यात पर प्रतिबंध और साथ ही आयात प्रोत्साहन को विरोधाभासी बताया। उन्होंने कहा कि भंडारण की सीमा को भी हटाया जाना चाहिए।

 

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