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Hindi News पैसा बिज़नेस टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ ई-कम्‍यूनिकेशन होगा सुरक्षित , टैक्‍स अधिकारी बताएंगे अपना ई-मेल और फोन नंबर

टैक्‍स डिपार्टमेंट के साथ ई-कम्‍यूनिकेशन होगा सुरक्षित , टैक्‍स अधिकारी बताएंगे अपना ई-मेल और फोन नंबर

वित्‍त मंत्रालय ने इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट से ई-लैटर और ई-नोटिस में अपना ई-मेल और आधिकारिक फोन नंबर का उल्‍लेख अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा है।

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नई दिल्‍ली। इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्‍सपेयर के साथ किए जाने वाले ई-कम्‍यूनिकेशन को सुरक्षित और विश्‍वसनीय बनाने के लिए वित्‍त मंत्रालय ने इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के सभी अधिकारियों से ई-लैटर और ई-नोटिस में अपना ई-मेल और आधिकारिक फोन नंबर का उल्‍लेख अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया के निर्देश पर इस संबंध में कुछ समय पहले ही आधिकारिक आदेश जारी किया गया है।

इस आदेश के मुताबिक अब से सीबीडीटी, इसके निदेशालय और क्षेत्रीय कार्यालय समेत राजस्व विभाग द्वारा करदाताओं को जारी किए जाने वाले किसी भी नोटिस या पत्र में ईमेल और दफ्तर का फोन नंबर, अधिकारी का हस्ताक्षर अवश्य  होना चाहिए, ताकि करदाताओं की सुविधा के लिए विभाग के साथ इलेक्ट्रॉनिक आधार पर संवाद कायम किया जा सके। आदेश में कहा गया कि सभी से आग्रह है कि कृपया यह सुनिश्चित करें कि उक्त आदेश का सख्ती से पालन हो।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहल इलेक्ट्रॉनिक संवाद को प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए की गई है क्योंकि कई बार ऐसे संवादों की नकल या करदाताओं की गैर कानूनी तरीके से जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा संदेह की स्थिति में करदाता या प्राप्तकर्ता आयकर विभाग या आकलन अधिकारी द्वारा भेजे जाने वाले नोटिस या पत्र की प्रामाणिकता जांच सकते हैं। आयकर विभाग की यह सुरक्षित और विश्वसनीय ई-संवाद की कोशिश है। आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं का आकलन ई-मेल के आधार पर करने  की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी। यह शुरुआत कुछ ही शहरों में की गई है। सरकार के ई-पहल योजना के तहत केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड ने ने टैक्‍स अधिकारियों और टैक्‍स पेयर्स के बीच संवाद के लिए ई-मेल के उपयोग को मंजूरी दी है। इसके बाद टैक्‍स डिपार्टमेंट कोई भी आधिकारिक लैटर या नोटिस संबंधित टैक्‍सपेयर्स की ई-मेल पर भेज सकते हैं।

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