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Hindi News पैसा बिज़नेस प्रस्तावित विलय से 2,500 करोड़ रुपये के लाभ की उम्मीद: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

प्रस्तावित विलय से 2,500 करोड़ रुपये के लाभ की उम्मीद: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया

विलय के बाद तकनीक औऱ शाखाओं पर लागत घटने की उम्मीद

<p>Mega Merger of PSU Bank</p>- India TV Paisa Mega Merger of PSU Bank

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया यानि यूबीआई को उम्मीद है कि प्रस्तावित विलय से शाखाओं को युक्तिसंगत बनाने और संयुक्त नई इकाई के कारण तकनीकी खर्च में बचत से उसे 2,500 करोड़ रुपये का लाभ होगा। यूबीआई में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय कर एक बैंक बनाया जा रहा है। तीनों बैंकों का विलय एक अप्रैल से प्रभाव में आएगा। यह सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाने की योजना का हिस्सा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजकिरण राय जी ने कहा कि इस विलय प्रक्रिया से आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के ग्राहकों और कर्मचारियों को कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा कि विलय से कामका बेहतर होगा और तकनीक की लागत कम होगी। बैक अगले तीन साल में विलय के कारण 2,500 करोड़ रुपये से अधिक लाभ की उम्मीद कर रहा हैं।

इस विलय के बाद संयुक्त इकाई की शाखाओं की संख्या 9,500 और 12,000 एटीएम होंगे। राय ने कहा कि कुल 9,500 शाखाओं में से 700 से अधिक शाखाएं एक दूसरे के आसपास हैं। जिससे कई विकल्प बन गए हैं, जो फायदेमंद साबित होंगे इस विलय के बाद कर्मचारियों की संख्या 75,000 हो जाएगी। इसमें 37,000 कर्मचारी आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक के होंगे। राय ने कहा कि ‘लॉकडाउन’ के कारण कुछ प्रकियाएं धीमी हुई हैं लेकिन बैंक उन मसलों के समाधान के लिये काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के एकीकरण का काम पूरा हो चुका है और निदेशक मंडल ने विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली इकाई के लिये उत्पाद, प्रक्रियाएं और नीतियों को मंजूरी दे दी है।

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