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Hindi News पैसा बिज़नेस अनिल अंबानी नहीं बचा पाए अपना ग्रुप मुख्‍यालय, Yes Bank ने ऋण न चुकाने पर लिया अपने कब्‍जे में

अनिल अंबानी नहीं बचा पाए अपना ग्रुप मुख्‍यालय, Yes Bank ने ऋण न चुकाने पर लिया अपने कब्‍जे में

23 जून को अनिल अंबानी ने दावा किया था कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, जिस पर 6000 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है, इस साल पूरी तरह से ऋण मुक्त कंपनी बन जाएगी।

Yes Bank takes possession of Anil Ambani's group HQ in Mumbai for failure to repay dues- India TV Paisa Image Source : MUMBAIMIRROR Yes Bank takes possession of Anil Ambani's group HQ in Mumbai for failure to repay dues

मुंबई। येस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप के उपनगरीय इलाके सांताक्रूज स्थित मुख्‍यालय पर अपना कब्‍जा जमा लिया है। अनिल अंबानी पर बैंक का 2892 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है और इसे न चुका पाने के कारण बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप के मुख्‍यालय को अपने कब्‍जे में ले लिया है। येस बैंक ने रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर द्वारा ऋण न चुकाए जाने के चलते दक्षिण मुंबई में स्थित उसके स्‍वामित्‍व वाले दो फ्लैट भी अपने कब्‍जे में लिए हैं। येस बैंक ने इस संबंध में एक अखबार में इसकी जानकारी प्रकाशित की है।

अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) की लगभग सभी प्रमुख कंपनियां इसी सांताक्रूज ऑफ‍िस से परिचालन करती हैं। इस मुख्‍यालय का नाम रिलायंस सेंटर है। पिछले कुछ वर्षों में एडीएजी ग्रुप की हालत बहुत खराब हो गई है।

येस बैंक ने कहा है कि उसने रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को 2892.44 करोड़ रुपए का ऋण चुकाने के लिए 6 मई को नोटिस जारी किया था। नोटिस के 60 दिन बीत जाने के बाद भी बकाया न चुकाने पर बैंक ने 22 जुलाई को उक्‍त तीनों संपत्तियों को अपने कब्‍जे में ले लिया। बैंक ने आम जनता से अपील की है कि उक्‍त संपत्तियों के साथ कोई सौदा करते समय विशेष साव‍धानी रखें। बैंक ने आगे कहा कि इन संपत्तियों के संबंध में कोई भी सौदा येस बैंक द्वारा दिए गए 2892 करोड़ रुपए के ऋण से संबंधित माना जाएगा।

पिछले साल, अनिल अंबानी ने अपने मुख्‍यालय को किराये पर देने की भी कोशिश की थी। यहां 21,432 वर्ग मीटर का ऑफ‍िस एरिया है। बैंक ने बताया कि दक्षिण मुंबई स्थित नागिन महल के अलग-अलग फ्लोर पर स्थित दो फ्लैट, जिनका एरिया क्रमश: 1717 वर्ग फुट और 4936 वर्ग फुट है, भी अब उसके कब्‍जे में हैं।  

येस बैंक में उच्‍चतम एनपीए की एक वजह एडीएजी कंपनियों को दिया गया ऋण भी है। बहुत अधिक एनपीए की वजह से येस बैंक को डूबने से बचाने के लिए एसबीआई के नेतृत्‍व में बैंकों के एक समूह ने 10,000 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्‍ध कराई है। बेलआउट से पहले सरकार और आरबीआई ने येस बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और एक नए मुख्‍य कार्यकारी और बोर्ड की नियुक्ति की।  

23 जून को अनिल अंबानी ने दावा किया था कि रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, जिस पर 6000 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है, इस साल पूरी तरह से ऋण मुक्‍त कंपनी बन जाएगी। 2018 में, कंपनी ने अपना मुंबई का बिजली कारोबार अडानी ट्रांसमिशन को 18,800 करोड़ रुपए में बेचा था, जिससे कंपनी को अपना कर्ज 7500 करोड़ रुपए कम करने में मदद मिली थी।

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