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टाटा संस में पद को लेकर विवाद गहराया, गृह मंत्री और वित्त मंत्री से मिले नोएल टाटा और एन. चंद्रशेखरन

टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी के बीच जारी विवादों से 180 अरब डॉलर से ज्यादा के इस ग्रुप के कामकाज पर असर पड़ने का खतरा है।

tata group, tata, tata sons, tata trusts, noel tata, N. Chandrasekaran, shapoorji pallonji family, V- India TV Paisa Image Source : TATA शापूरजी पलोनजी परिवार के पास है टाटा संस की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी

टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन समेत टाटा ग्रुप के टॉप अधिकारियों ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। ये मुलाकात बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की नियुक्तियों और कॉरपोरेट ऑपरेशन्स से जुड़े मुद्दों पर ट्रस्टी के बीच जारी विवाद को लेकर हुई। नोएल टाटा और चंद्रशेखरन, टाटा ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी डेरियस खंबाटा के साथ शाम को अमित शाह के आवास पर मीटिंग के लिए पहुंचे। सीतारमण भी गृह मंत्री के आवास पर बैठक में शामिल हुईं। 

180 अरब डॉलर से ज्यादा है टाटा ग्रुप की वैल्यू

टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी के बीच जारी विवादों से 180 अरब डॉलर से ज्यादा के इस ग्रुप के कामकाज पर असर पड़ने का खतरा है। टाटा ट्रस्ट की नमक से लेकर सेमीकंडक्टर तक बनाने वाले ग्रुप के प्रोमोटर और होल्डिंग कंपनी टाटा संस में लगभग 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूत्रों ने बताया कि टाटा ट्रस्ट में दो गुट हैं, एक हिस्सा नोएल टाटा के साथ जुड़ा है, जिन्हें रतन टाटा के निधन के बाद ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया था। चार ट्रस्टी के दूसरे गुट का नेतृत्व मेहली मिस्त्री करते हैं, जिनका संबंध शापूरजी पलोनजी परिवार से है।

शापूरजी पलोनजी परिवार के पास है टाटा संस की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी

शापूरजी पलोनजी परिवार के पास टाटा संस में लगभग 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मिस्त्री को कथित तौर पर लगता है कि उन्हें महत्वपूर्ण मामलों से दूर रखा गया है। सूत्रों ने बताया कि विवाद का मुख्य बिंदु टाटा संस के बोर्ड में पद को लेकर है, जो 156 साल पुराने ग्रुप को कंट्रोल करता है। इस ग्रुप में 30 लिस्टेड कंपनियों समेत लगभग 400 कंपनियां शामिल हैं। टाटा ट्रस्ट, टाटा संस और वेणु श्रीनिवासन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और मेहली मिस्त्री की टिप्पणी खबर लिखे जाने तक नहीं मिल सकी थी। 

कुछ बड़े सवालों के जवाब मिलना बाकी

मेहली मिस्त्री ने कॉल और मैसेजों का कोई जवाब नहीं दिया। एक सूत्र ने कहा, ''देश की अर्थव्यवस्था के लिए टाटा ग्रुप की अहमियत को देखते हुए, सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या वे किसी एक व्यक्ति को इसका नियंत्रण सौंप सकती है।'' 

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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