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Dairy Sector में बनेंगे रोजगार के बंपर मौके, अगले दो साल में 2 लाख और डेयरियों के गठन की मिलेगी मंजूरी

Dairy Sector: 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों के पहले सरकार ग्रामीण स्तर पर दो लाख नई दुग्ध सहकारी समितियों के गठन में मदद करेगी।

Dairy farm - India TV Paisa Image Source : PTI Dairy farm

Highlights

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में मिलेगी मदद
  • देशभर में लाखों की संख्या में रोजगार सृजन होंगे
  • डेयरी क्षेत्र से पेशेवर अंदाज, नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ेगा

Dairy Sector में आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में रोजगार के मौके बनेंगे। दरअसल, सरकार ने 2024 से पहले ग्रामीण स्तर पर दो लाख नई दुग्ध सहकारी समितियों (डेयरी) के गठन करने का ऐलान किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डेयरी क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के साथ यह बंपर रोजगार के मौके पैदा करने वाला होगा। नए युवा उद्यमी इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना पाएंगे। साथ ही देशभर के पशुपालन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि भारत कुछ वर्षों में ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा जिसमें सहकारिता क्षेत्र को भी अहम भूमिका निभानी होगी। शाह ने ग्रेटर नोएडा में आयोजित विश्व डेयरी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों के पहले सरकार ग्रामीण स्तर पर दो लाख नई दुग्ध सहकारी समितियों के गठन में मदद करेगी। उन्होंने डेयरी क्षेत्र से पेशेवर अंदाज, नवीनतम प्रौद्योगिकी, कंप्यूटरीकरण और डिजिटल भुगतान की व्यवस्था को अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा बल्कि गरीब देशों को आपूर्ति भी की जा सकेगी। उन्होंने डेयरी उद्योग से दुग्ध प्रसंस्करण के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों के विनिर्माण में आत्मनिर्भर होने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत 2014 में दुनिया की 14वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था लेकिन अब यह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगले कुछ वर्षों में हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के समय भारत के सहकारिता क्षेत्र के योगदान की भी चर्चा होगी। उन्होंने डेयरी क्षेत्र में सक्रिय सहकारी समितियों और कंपनियों के बीच फर्क करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

महिलाओं के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका

उन्होंने कहा कि डेयरी सहकारी समितियों ने महिलाओं के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका निभाई है और इससे कुपोषण से जंग करने में भी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘सहकारिता क्षेत्र और डेयरी सहकारी समितियों ने ग्रामीण विकास में काफी काम किया है।’’ उन्होंने डेयरी उद्योग से प्राकृतिक खेती को अपनी जीवनरेखा बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे लोगों की सेहत सुधरने के साथ आर्थिक व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक कृषि एवं निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए तीन बहु-सहकारी समितियां भी बनाई जा रही हैं।

सहायता उपलब्ध करती है सरकार 

डेयरी फार्मिंग के लिए सरकार सहायता भी उपलब्‍ध कराती है। राज्‍य सरकारें अपने पशुपालकों को मदद देने के लिए सब्सिडी उपलब्‍ध कराती है। आजकल बहुत से पढ़े.लिखे युवा इस काम को प्रोफेशनल तरीके से करके बहुत अच्‍छा पैसा कमा रहे हैं। इस बिजनेस की खास बात यह है कि दूध की डिमांड सालभर रहने से बिक्री की कोई चिंता नहीं रहती है। सरकार ने मुद्रा स्कीम में डेयरी बिजनेस भी है। रिपोर्ट के अनुसार कुल 16 लाख रुपये के खर्च में 1000 वर्गफुट एरिया में यूनिट शुरू की जा सकती है। इतने एरिया में शुरू होने वाले यूनिट में रोज 500 लीटर दूध की खपत में प्रोडक्ट तैयार किए जा सकते हैं। इन 16 लाख रुपये में आपको 4 लाख रुपए निवेश करना होगा। बाकी खर्च सरकार मुद्रा योजना के तहत लोन के रूप में देगी। अगर रोज 500 लीटर या सालाना 1.5 लाख लीटर दूध की प्रॉसेसिंग से जितना प्रोडक्ट तैयार होगा तो सालाना टर्न ओवर 82 लाख रुपये तक हो सकता है।

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