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Hindi News पैसा बिज़नेस दिल्ली को प्रदूषण फ्री घोषित करने के लिए और इतने रूपये की होगी जरूरत, आईबीए ने CM Arvind Kejriwal से लगाई गुहार

दिल्ली को प्रदूषण फ्री घोषित करने के लिए और इतने रूपये की होगी जरूरत, आईबीए ने CM Arvind Kejriwal से लगाई गुहार

दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके में रहने वाले लोगों को साफ हवा नहीं मिल पा रही है। इसके लिए इंडियन बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) के तरफ कई जरूरी एक्शन लिए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक उसने दिल्ली सरकार से और पैसे की मांग की है और एक कारण भी बताया है।

दिल्ली को प्रदूषण फ्री घोषित करने के लिए चाहिए रूपये- India TV Paisa Image Source : INDIA TV दिल्ली को प्रदूषण फ्री घोषित करने के लिए चाहिए रूपये

दिल्ली की हवा पिछले 24 घंटे में खराब से 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली में शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI ओवर ऑल 346 दर्ज किया गया। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों से मिली। 37 निगरानी स्टेशनों में से 27 में AQI 'बहुत खराब' दर्ज किया गया। इसे कम करने को लेकर इंडियन बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) के तरफ से कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। आईबीए ने सीएम अरविंद केजरीवाल को और पैसे आवंटित करने को लेकर एक पत्र भेजा है।

आईबीए ने CM Arvind Kejriwal से लगाई गुहार

इंडियन बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली सरकार से पर्यावरण मद में होने वाले बजट खर्च को पांच गुना बढ़ाकर 700 करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया है। आईबीए ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा है कि राजधानी के वायु प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण पर होने वाला बजट खर्च कुल बजट आवंटन का कम-से-कम एक प्रतिशत होना चाहिए, लेकिन चालू वित्त वर्ष के लिए सिर्फ 126.9 करोड़ रुपये ही आवंटित किए गए हैं जो मौजूदा हालात को देखते हुए बहुत कम है। 

कुल बजट का 1 फीसदी खर्च करे सरकार

आईबीए ने कहा कि दिल्ली सरकार को कुल बजट आवंटन का एक प्रतिशत यानी करीब 700 करोड़ रुपये वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए खर्च करना चाहिए। ऐसा होने पर दिल्ली में खराब हवा की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर होने वाले खर्च को कम करने में मदद मिलेगी। दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले कई वर्षों से अक्टूबर-नवंबर के महीनों में वायु गुणवत्ता का स्तर काफी खराब हो जाता है। पंजाब में धान की पराली जलाने को इस समस्या की मुख्य वजह माना जाता रहा है। हालांकि आईबीए ने कहा कि पराली जलाने के अलावा वाहनों एवं औद्योगिक इकाइयों से होने वाला प्रदूषण, सड़कों की धूल और निर्माण गतिविधियों से भी वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार को पर्यावरण मद में अपना बजट आवंटन बढ़ाना होगा। 

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