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Hindi News पैसा बिज़नेस वैश्विक संकट के बीच कितना सुरक्षित है भारत? वित्त मंत्री ने की बैंकों के कामकाज की समीक्षा

वैश्विक संकट के बीच कितना सुरक्षित है भारत? वित्त मंत्री ने की बैंकों के कामकाज की समीक्षा

अमेरिका और यूरोप में कुछ बैंकों के विफल होने से उपजी स्थिति के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न वित्तीय मानकों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और उनके जुझारूपन की शनिवार को समीक्षा की।

Nirmala Sitharaman- India TV Paisa Image Source : PTI Nirmala Sitharaman

अमेरिका से लेकर यूरोप के बैंकों में बीते 15 दिनों से काफी हलचल है। अमेरिका में 3 बड़े बैंक बैठ चुके हैं, वहीं स्विटजरलैंड के क्रेडिट सुइस को जैसे तैसे उबारा गया है। यूरोप और अमेरिका से आए इस संकट से भारत के बैंकों के कामकाज को लेकर भी प्रश्न पूछे जा रहे हैं। हालांकि रिजर्व बैंक और सरकार भारत में ऐसी किसी भी संभावना से इंकार कर रहे हैं। 

अमेरिका और यूरोप में कुछ बैंकों के विफल होने से उपजी स्थिति के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न वित्तीय मानकों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और उनके जुझारूपन की शनिवार को समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ब्याज दर के जोखिमों को लेकर सतर्क रहने और नियमित तौर पर तनाव स्तर की जांच करते रहने को कहा। 

सीतारमण ने पीएसबी के प्रबंध निदेशकों (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ दो घंटे तक चली इस बैठक के दौरान मौजूदा वित्तीय परिस्थितियों के संदर्भ में चर्चा की। इस दौरान सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) और सिग्नेचर बैंक (एसबी) की विफलता के बाद क्रेडिट सुइस में भी संकट के लिए जिम्मेदार कारकों पर चर्चा की गई। 

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, समीक्षा बैठक में वित्त राज्यमंत्री भगवत कराड और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। वित्त मंत्री ने मौजूदा वैश्विक वित्तीय संकटों पर तात्कालिक और दीर्घकालिक, दोनों ही दृष्टिकोण से होने वाले संभावित प्रभाव को लेकर चर्चा की। 

सार्वजनिक बैंकों की समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को उचित सावधानी बरतनी चाहिए और जोखिम प्रबंधन व जमाराशियों और संपत्ति आधार के विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करके नियामक ढांचे का पालन करना चाहिए। इस दौरान बैंक प्रमुखों ने सीतारमण को बताया कि वे वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में हो रहीं गतिविधियों से अवगत हैं और ऐसे किसी भी संभावित वित्तीय झटके से बचने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। 

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