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Hindi News पैसा बिज़नेस Gold के प्रति भारतीयों का आकर्षण बढ़ा, जानें डिमांड को पूरा करने के लिए कितने टन सोने का हुआ आयात

Gold के प्रति भारतीयों का आकर्षण बढ़ा, जानें डिमांड को पूरा करने के लिए कितने टन सोने का हुआ आयात

भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है।

<p>सोना</p>- India TV Paisa Image Source : FILE सोना

Highlights

  • 2021 में सोने का आयात बढ़कर 4.8 अरब डॉलर हो गया
  • एक साल पहले समान अवधि में 4.5 अरब डॉलर रहा था
  • सोने के आयात में बढ़ोतरी से व्यापार घाटा भी तेजी से बढ़ा

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच सोने की मांग बढ़ने स चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर, 2021) में सोने का आयात दोगुना से अधिक होकर 38 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। मांग ऊंची रहने से सोने के आयात में बढ़ोतरी हुई है। सोने का आयात चालू खाते के घाटे (कैड) को प्रभावित करता है। अप्रैल-दिसंबर, 2020 में सोने का आयात 16.78 अरब डॉलर रहा था। आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2021 में सोने का आयात बढ़कर 4.8 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 4.5 अरब डॉलर रहा था। 

क्यों बढ़ा लोगों का रुझान 

सर्राफा बाजार के जानकारों का कहना है कि भारत में सोना सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है। आम लोगों के यह एक तरह का बीमा है जो उनके जरूरत के समय सबसे पहले काम आता है। कोरोना संकट के बीच अनिश्चिता बढ़ने से लोगों का आकर्षण एक बार फिर से सोने की ओर बढ़ा है। यह मांग बढ़ाने का काम किया है। इससे सोने का आयात बढ़ा है। 

व्यापार घाटा भी बढ़ा

वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सोने के आयात में बढ़ोतरी से व्यापार घाटा भी बढ़कर 142.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 61.38 अरब डॉलर पर था। इसी तरह वित्त वर्ष के पहले नौ माह में चांदी का आयात भी बढ़कर दो अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 76.2 करोड़ डॉलर था। 

दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है भारत

भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 71 प्रतिशत बढ़कर 2.9 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तिमाही में देश का चालू खाते का घाटा 9.6 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत रहा। 

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