Gold Price: सोने की कीमतों में इस हफ्ते भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि निवेशक अमेरिकी सरकार के वित्त पोषण विधेयक, श्रम बाजार के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के बयानों पर नजर रखेंगे। एक्सपर्ट्स ने ये जानकारी दी। एक्सपर्ट्स ने कहा कि गुरूवार को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के विवरण जारी होने से भी सर्राफा बाजार की धारणा प्रभावित होने की संभावना है। जेपीएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर ने कहा, ''आने वाला सप्ताह अपेक्षाकृत कम आंकड़ों वाला है, लेकिन अस्थिरता ज्यादा रहने की उम्मीद है।
इस हफ्ते तेज हो सकती है मुनाफावसूली
प्रणव मेर ने कहा कि इस हफ्ते मुनाफावसूली बढ़ सकती है, जिसके बाद नए सिरे से खरीदारी भी हो सकती है। उन्होंने कहा, ''फेडरल रिजर्व की आधिकारिक टिप्पणी पर गुरूवार को फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के भाषण पर कड़ी नजर रहेगी।'' मेर ने बताया कि पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में 3.5 से 4 प्रतिशत और बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी कमजोर अमेरिकी डॉलर और आंशिक अमेरिकी सरकार के बंद होने की चिंताओं के कारण हुई है, जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों के जारी होने में देरी हुई है।
MCX पर भी बढ़े सोने के दाम
उन्होंने कहा, ''बाजार सहभागी इस महीने के अंत में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं।'' मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर की डिलीवरी वाले सोने के भाव पिछले हफ्ते में 3,222 रुपये यानी 2.8 प्रतिशत बढ़ गए। शुक्रवार को सोना 1,18,113 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो पिछले हफ्ते दर्ज किए गए अपने इतिहास के सबसे ऊंचे स्तर 1,18,444 रुपये के करीब था।
ETF में भी चल रही है जोरदार खरीदारी
अल्फा मनी में इक्विटी और पीएमएस के प्रबंध साझेदार ज्योति प्रकाश ने कहा कि पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में बढ़ती हिस्सेदारी, केंद्रीय बैंकों की संभावित नई मांग और सट्टेबाजी की मजबूत स्थिति सोने की कीमतों में इस उछाल को बढ़ावा दे रही है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि त्योहारों और शादी के मौसम के कारण भारत में सितंबर में सोने और चांदी का आयात अगस्त की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है।
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