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सरकारी कर्मचारी ध्यान दें! आ गया UPS-Calculator, ऐसे चेक करें रिटायरमेंट के बाद कितनी मिलेगी पेंशन

वित्तीय सेवा विभाग ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) कैलकुलेटर का उपयोग कर अपने पेंशन अनुमान की गणना कर सकते हैं।

UPS-Calculator - India TV Paisa Image Source : FILE यूपीएस कैलकुलेटर

UPS-Calculator: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। एनपीएस ट्रस्ट ने पेंशन की गणना के लिए UPS-Calculator लॉन्च कर दिया है। इस कैलकुलेटर की मदद से आप आसानी से रिटायरमेंट के बाद करीब कितनी पेंशन मिलेगी, इसकी गणना कर सकते हैं। कैलकुलेटर में आपको अपनी जन्म तिथि, नौकरी ज्वाइनिंग की डेट, रिटायरमेंट ऐज, मंथली बेसिक सैलरी, सालाना सैलरी ग्रोथ आदि की जानकारी देनी होगी। आप यह कैलकुलेटर https://npstrust.org.in/ups-calculator पर जाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

वित्तीय सेवा विभाग ने दी जानकारी 

वित्तीय सेवा विभाग ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) कैलकुलेटर का उपयोग कर अपने पेंशन अनुमान की गणना कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि एनपीएस ट्रस्ट ने एकीकृत पेंशन योजना कैलकुलेटर पेश किया है। यह कैलकुलेटर एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) और यूपीएस दोनों अंशधारकों को पेंशन अनुमान प्रदान करता है। विभाग ने कहा कि यह कैलकुलेटर अंशधारकों को सोच-विचार कर सही पेंशन योजना चुनने में मदद करेगा। 

यूपीएस के तहत फिक्स पेंशन मिलेगा 

सरकारी कर्मचारियों की मांग को देखते हुए सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लाने का फैसला किया था। इसके तहत रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि को सुनिश्चित पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है। पीएफआरडीए ने बयान में कहा था कि यूपीएस से संबंधित नियम एक अप्रैल, 2025 से लागू हो गया है। बता दें कि एनपीएस एक जनवरी, 2004 को लागू हुआ था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस लाने को मंजूरी दी थी। जनवरी, 2004 से पहले प्रभावी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। ओपीएस के उलट यूपीएस अंशदायी प्रकृति की है। इसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है। 

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