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Hindi News पैसा बिज़नेस GSTN को रिजर्व बैंक के क्रेडिट प्लेटफॉर्म पर डेटा शेयर करने को मिली मंजूरी, कर्ज मिल सकेगा जल्द

GSTN को रिजर्व बैंक के क्रेडिट प्लेटफॉर्म पर डेटा शेयर करने को मिली मंजूरी, कर्ज मिल सकेगा जल्द

सरकार के इस फैसले से कारोबारी इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित साझा जानकारी के आधार पर तेजी से कर्ज पाने में मदद मिलेगी।

कर्जदार ऋणदाताओं या सरकारी पोर्टल को प्रदान की गई किसी भी लेनदेन संबंधी जानकारी को छिपा नहीं सकते है- India TV Paisa Image Source : FILE कर्जदार ऋणदाताओं या सरकारी पोर्टल को प्रदान की गई किसी भी लेनदेन संबंधी जानकारी को छिपा नहीं सकते हैं।

सरकार ने जीएसटी नेटवर्क को रजिस्टर्ड कारोबारों की सहमति पर उनके आंकड़े रिजर्व बैंक के 'पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट' के साथ शेयर करने की परमिशन दे दी है। सरकार के इस फैसले से कारोबारी इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित साझा जानकारी के आधार पर तेजी से कर्ज पाने में मदद मिलेगी। भाषा की खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सब्सिडियरी यूनिट'रिजर्व बैंक इनोवेशन हब' ने इस प्लेटफॉर्म का गठन किया है।

लोन देने में मदद देना होगा आसान

खबर के मुताबिक, इसका मकसद लोन देने में मदद करने के लिए कर्जदाताओं को जरूरी जानकारी के निर्बाध प्रवाह को सक्षम बनाना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि जीएसटी परिषद की अनुशंसा पर केंद्र सरकार 'पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट' को एक ऐसी सिस्टम के रूप में नोटिफाई करती है जिसके साथ जानकारी सहमति के आधार पर साझा की जा सकती है।

डिजिटल रूप से जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी

इस प्लेटफॉर्म को कर्ज के एक बड़े परिवेश के संचालन के लिए विकसित किया गया है, ताकि आंकड़ों को लेकर विभिन्न स्रोतों से डिजिटल रूप से जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके। नोटिफिकेशन के मुताबिक, वित्तीय सेवा प्रदाता और कई डेटा सेवा प्रदाता मानक और प्रोटोकॉल संचालित संरचना का इस्तेमाल कर मंच पर इकट्ठा हो सकते हैं। मूर सिंघी फर्म के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि डेटा आपूर्तिकर्ता/प्राप्तकर्ता से उचित सहमति लेकर जीएसटीएन को बाहरी कर रिटर्न, मासिक और वार्षिक कर रिटर्न और चालान तैयारियों के आंकड़ों के साथ जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदन में डिटेल का खुलासा करने का अधिकार है।

लेनदेन संबंधी जानकारी को छिपा नहीं सकते

मोहन ने कहा कि इससे सुनिश्चित होता है कि कर्जदार ऋणदाताओं या सरकारी पोर्टल को प्रदान की गई किसी भी लेनदेन संबंधी जानकारी को छिपा नहीं सकते हैं। ऋणदाताओं को सीधे सरकार द्वारा स्वीकृत स्रोतों से प्रमाणित मासिक बिक्री एवं खरीद आंकड़ों तक पहुंच मिलती है जिससे ऋण जोखिम का अधिक सटीक और समय पर मूल्यांकन संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में क्रेडिट हासिल करने और सरकार प्रायोजित क्रेडिट कार्यक्रमों का लाभ उठाने के इच्छुक व्यवसायों के लिए जीएसटी फाइलिंग अब एक महत्वपूर्ण फैक्टर बन जाएगी।

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