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घर या ऑफिस की खिड़कियां होंगी एडवांस, सनलाइट की मदद से इंटरनेट सर्विस पहुंचाने की तैयारी

आने वाले समय में लोग ऑफिस और घर की खिड़कियों से आने वाले सनलाइन की मदद से इंटरनेट सेवा का लाभ उठाएंगे।

खिड़कियां होंगी एडवांस- India TV Paisa Image Source : FILE खिड़कियां होंगी एडवांस

दशकों पहले, डॉस सिस्टम पर बाइनरी डेटा के लिए फ्लॉपी लगाकर काम करते कंप्युटर ऑपरेटर्स के लिए विंडोस का आना एक हहकारी कदम था। कंप्युटर इंडस्ट्री में विंडोस ने आकर काम करने का तरीका ही बदल दिया था। विंडोस यानी खिड़की की अड्वान्स खोज, एक बार फिर कुछ एक्स्ट्राऑर्डनरी करने वाली है।  

सऊदी अरेबिया के साइंटिस्ट ओसामा आमीन ने एक रिसर्च के बाद घोषणा की है कि आने वाले समय में वह ऑफिस और घर की बड़ी-बड़ी खिड़कियों से ही हाई स्पीड इंटरनेट जेनेरेट करने लगेंगे।
इस खोज के पूरा होने के बाद सबसे बड़ा फायदा तो ये होगा कि इंटरनेट जेनेरेट करने के लिए जो एनर्जी लगती है, उस एनर्जी से जो हीट उठती है, वो कम हो जायेगी जिससे पर्यावरण को बहुत लाभ होगा। इसका दूसरा फायदा ये भी होगा कि इंटरनेट की कीमतों में एक बार फिर भारी गिरावट आयेगी जो कमर्शियल यूजर के लिए बहुत लाभकारी होगी।

कैसे बनेगा खिड़की से इंटरनेट?
ओसामा आमीन बताते हैं कि खिड़कियों पर पड़ने वाली धूप से बचने के लिए हम यूं भी पोलराइड फिल्म लगते हैं जो एल्क्ट्रोमैग्नेटिक टेक्नॉलजी की सहायता से धूप के तीखेपन को कम करके, सिर्फ उतनी ही लाइट अंदर आने देती है जो आँखों के लिए नुकसानदायक न हो और जिसमें काम करना आसान रहे। लेकिन प्रोफेसर आमीन का कहना है कि यही पोलराइज फिल्टर हुई लाइट सही मायने में बाइनरी डिजिट्स की तरह एनर्जी प्रोड्यूस करती है और अगर हम अपनी विंडो को मोडेम की तरह इस्तेमाल करने लगें और जो हमारा डेटा कनेक्शन है और विंडो के एक सिरे पर जोड़ दें, तो इस बाइनरी – जीरो और वन वाली डिजिट्स ही सही मायने में इंटरनेट में तब्दील हो सकती हैं। इस प्रक्रिया को डूअल सेल लिक्विड क्रिस्टल शटर्स कहते हैं।

प्रोफेसर ओसामा आमीन ने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरु भी कर दिया है और जो शुरुआती रिजल्ट मिले हैं उन्हें देखकर उम्मीद बंधनी लाजमी है। फिलहाल अभी उनकी ग्लास विंडो से जो इंटरनेट जेनेरेट हो रहा है उसकी स्पीड 15-16 kbps के आसपास है जो जाहिर सी बात है, किसी काम की नहीं है। लेकिन प्रोफेसर आमीन का मानना है कि आने वाले समय में इस स्पीड को 1 से 2 gb प्रति सेकंड तक भी पहुंचाया जा सकता है।
दूसरी ओर स्विट्ज़रलैंड के साइन्टिस्ट भी खिड़की से एनर्जी बनाने के क्रम में जुटे हुए हैं। भारत में भी सन्लाइट को हर संभव तरीके से इस्तेमाल करने को लेकर मुहिम छिड़ी हुई है। अब खासकर टुरिस्ट प्लेसेस पर इस तरह की सोलर प्लेटस लगाई जा रही हैं जो देखने में भी बहुत आकर्षक हैं और स्ट्रीट लाइट के लिए एनर्जी भी प्रोड्यूस कर रही हैं। 

 

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