भारत सरकार ने अल्पावधि यात्रा करने वाले चीनी पेशेवरों के लिए बिजनेस वीजा नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यह कदम पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी तनाव के बीच दोनों देशों के संबंधों को फिर से सामान्य करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, वीजा से जुड़े सुरक्षा मूल्यांकन की प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी, लेकिन अब चीनी पेशेवरों को पहले की तरह छह महीने या उससे अधिक की वैधता वाले रोजगार वीजा (ई-वीजा) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। भारत अब उन्हें कम अवधि के बिज़नेस वीजा भी उपलब्ध कराएगा।
कड़े नियमों में बदलाव से चीन को मिलेगा सीधा लाभ
हालांकि यह संशोधन सभी देशों के लिए लागू होगा, लेकिन सबसे अधिक लाभ चीनी पेशेवरों को मिलने की उम्मीद है। नए प्रावधानों के अनुसार, बिजनेस वीजा आवेदनों पर तीन से चार सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाएगा। इससे उन क्षेत्रों को विशेष राहत मिलेगी, जहां चीनी मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल होता है और नियमित तकनीकी सहायता की जरूरत पड़ती है।
चीन ने फैसले को बताया सकारात्मक संकेत
बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने भारत के फैसले का स्वागत किया और कहा कि सीमा पार यात्रा को आसान बनाना दोनों देशों के साझा हित में है। चीन, भारत के साथ संवाद और सहयोग जारी रखना चाहता है ताकि लोगों के बीच संपर्क और अधिक मजबूत हो सके।
दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने की हालिया कोशिशें
पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन के बीच कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं:
- पांच साल बाद चीनी नागरिकों को भारत का पर्यटक वीजा फिर से जारी होना
- चीन द्वारा भारतीय पर्यटकों को वीज़ा मंजूरी शुरू करना
- अक्टूबर में भारत-चीन सीधी उड़ानों का दोबारा शुरू होना
- कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करने का समझौता
- सीमा व्यापार खोले जाने और निवेश बढ़ाने पर सहमति
- राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर संयुक्त कार्यक्रम
उच्चस्तरीय कूटनीति भी तेज
अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने, सीमा से जुड़े मुद्दों का “निष्पक्ष समाधान” खोजने और व्यापार-वाणिज्य बढ़ाने पर सहमति जताई थी। इसके कुछ ही समय बाद, चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा में दोनों देशों ने स्थिर, सहयोगात्मक और प्रगतिशील संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई कदमों की घोषणा की, जिनमें सीमा पर शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार को बहाल करना और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना शामिल है।
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