अब भारत में वियरेबल स्मार्ट ग्लास (स्मार्ट चश्मे) के जरिये यूपीआई लाइट सुविधा से भुगतान किया जा सकता है। इसके लिए यूजर्स को सिर्फ क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा और वॉयस कमांड देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने मंगलवार को कहा कि इस सुविधा के लिए न तो मोबाइल फोन की जरूरत होगी और न ही कोई पिन नंबर डालना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने यहां 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025' में इस नई डिजिटल भुगतान सुविधा को पेश करने की घोषणा की।
बार-बार की जाने वाली छोटी पेमेंट के लिए डेवलप किया गया था यूपीआई लाइट
बताते चलें कि 'यूपीआई लाइट' को खास तौर पर छोटी वैल्यू के बार-बार की जाने वाली पेमेंट के लिए डेवलप किया गया है और इसमें मुख्य बैंकिंग सिस्टम पर निर्भरता बहुत कम रहती है। एनपीसीआई ने एक वीडियो जारी कर ये बताया है कि स्मार्ट ग्लास के जरिए यूपीआई लाइट से पेमेंट करना बस ‘देखो, बोलो, पेमेंट करो’ की तरह ही काफी आसान है। ये फीचर रोजमर्रा की पेमेंट जैसे रिटेल, फूड और ट्रांसपोर्टेशन के लिए लक्षित है और डिजिटल पेमेंट को ज्यादा आसान और निर्बाध बनाता है।
वियरेबल परिवेश में यूपीआई का पहला विस्तार
एनपीसीआई ने बताया कि ये पहल वियरेबल परिवेश में यूपीआई का पहला विस्तार है और इसे 'सहज, परिवेश भुगतान' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी लाभ होगा क्योंकि नॉन-सीबीएस (कोर बैंकिंग प्रणाली) वॉलेट ट्रांजैक्शन होने से मुख्य बैंकिंग सिस्टम पर दबाव कम होगा।
भारत को ग्लोबल डिजिटल पेमेंट इनोवेशन में टॉप बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
एनपीसीआई ने कहा कि वियरेबल स्मार्ट ग्लास के जरिये यूपीआई लाइट से पेमेंट की व्यवस्था भारत को ग्लोबल डिजिटल पेमेंट इनोवेशन में टॉप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। देश में रिटेल पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम को ऑपरेट करने वाली एनपीसीआई के पास यूपीआई का भी स्वामित्व है।
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