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Hindi News पैसा बिज़नेस पंतजलि ग्रुप ने रखा अगले 5 सालों में कारोबार को 1 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य, ये है कंपनी का पूरा प्लान

पंतजलि ग्रुप ने रखा अगले 5 सालों में कारोबार को 1 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य, ये है कंपनी का पूरा प्लान

Patanjali Ramdev: बाबा रामदेव ने पतंजलि ग्रुप के भविष्य के प्लान के बारे में बताया है। कंपनी अगले 5 सालों में 1 लाख करोड़ रुपये के बिजनेस को करने का काम करेगी।

Patanjali Group- India TV Paisa Image Source : FILE Patanjali Group

Patanjali Group: पतंजलि समूह अपने कारोबार के विस्तार पर फोकस करने में लगा हुआ है। समूह ने सभी तरह के उपभोक्ताओं के लिए उत्पाद उतारने की मंशा जताने के साथ ही अगले पांच वर्षों में अपना कारोबार बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये का करने का लक्ष्य रखा है। समूह के प्रमुख बाबा रामदेव ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर उपभोक्ता समूह तक पहुंचने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स (पूर्व में रुचि सोया) इस लक्ष्य को पाने में अहम भूमिका निभाएगी। इसका कारोबार अगले पांच वर्षों में 45,000-50,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। 

ये है कंपनी का पूरा प्लान

रामदेव ने कहा कि हमारा लक्ष्य पतंजलि समूह के कारोबार को अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है। अपनी सूचीबद्ध कंपनी पतंजलि फूड्स का कारोबार भी 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का इरादा है। समूह का कारोबार करीब 45,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और इसने अब कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि समूह पतंजलि आयुर्वेद के माध्यम से किफायती उत्पाद पेश करता रहा है और अब वह पतंजलि फूड्स के माध्यम से उभरते उच्च-मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर भी उत्पाद पेश करेगा। उन्होंने कहा कि समूह की पहुंच दुनिया के करीब 200 देशों में लगभग दो अरब लोगों तक हो चुकी है।

पाम के पेड़ लगाने पर कंपनी का है फोकस

देशभर के नौ राज्यों में फैले करीब 39,000 किसानों के साथ मिलकर 63,816 हेक्टेयर में पाम के पेड़ लगाए गए हैं। इसके अलावा कंपनी अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में अपनी पहली तेल मिल भी लगा रही है। इसके साथ ही रामदेव ने कहा कि पतंजलि फूड्स के प्रवर्तक जून में अपनी छह प्रतिशत हिस्सेदारी संस्थागत निवेशकों को बेचेंगे ताकि कंपनी में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता का प्रावधान लागू किया जा सके। फिलहाल प्रवर्तकों के पास 81 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

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