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कोरोना संकट से बाहर निकली देश की अर्थव्यवस्था, लेकिन रिजर्व बैंक ने 2022 के लिए घटाए GDP ग्रोथ के अनुमान

आरबीआई ने फिस्कल इयर 2022 की चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से कम करके 6 फीसदी कर दिया है

<p>कोरोना संकट से बाहर...- India TV Paisa Image Source : PTI कोरोना संकट से बाहर निकली देश की अर्थव्यवस्था, लेकिन रिजर्व बैंक ने 2022 के लिए घटाए GDP ग्रोथ के अनुमान

Highlights

  • आरबीआई ने फिलहाल प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है
  • आरबीआई ने रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा
  • 2022 की तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.6 फीसदी किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) ने आज द्वैमासिक आर्थिक नीति की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने फिलहाल प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर स्थिर है। ब्याज दरों की घोषणा के मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई ने रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान पहले के लगाए गए अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। 

इसके अलावा, आरबीआई ने फिस्कल इयर 2022 की चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से कम करके 6 फीसदी कर दिया है। महंगाई के मोर्चे पर आरबीआई ने रुख स्थिर रखा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक फिस्कल इयर 2022 के लिए खुदरा महंगाई दर का जो लक्ष्य है, वह 5.3 फीसदी पर कायम है।

कृषि सेक्टर का सहारा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आंकड़ों से खपत मांग के सुधरने के संकेत मिल रहे हैं। कृषि सेक्टर की मदद से ग्रामीण मांग में भी सुधार हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के झटकों से इकोनॉमी उबर रही है और इसमें तेजी आ रही है लेकिन यह लंबे समय तक कायम होती नहीं दिख रही है। शक्तिकांत दास के मुताबिक इकोनॉमिक रिकवरी लंबे समय तक बनी रहे, इसके लिए पॉलिसी सपोर्ट जरूरी है। 

देश पर ओमिक्रॉन का खतरा 

शक्तिकांत दास ने कहा कि फिलहाल देश की घरेलू अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया कि कोविड-19 जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हमारा देश पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए हमारे पास एक ताकतवर बफर स्टॉक भी उपलब्ध है।

वैट कटौती से बढ़ेगी तेल की मांग 

पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट में कटौती से मांग में बढ़ोतरी की संभावना है। सरकार के इस फैसले से खरीदारी की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई ने कच्चे तेल की कीमतों में कटौती का भी संज्ञान लिया है। 

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