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Hindi News पैसा बिज़नेस चीनी मिलों को बड़ी राहत, गन्ने के रस और शीरे से बना सकेंगे एथनॉल, मिली मंजूरी

चीनी मिलों को बड़ी राहत, गन्ने के रस और शीरे से बना सकेंगे एथनॉल, मिली मंजूरी

गन्ने की उपज कम होने की आशंका में सरकार ने बीते हफ्ते ही चीनी मिलों को गन्ने के रस और शीरे से एथनॉल बनाने पर रोक लगा दी थी।

आदेश जारी करने से पहले गन्ने के रस से लगभग छह लाख टन एथनॉल बनाया जा चुका था।- India TV Paisa Image Source : PTI आदेश जारी करने से पहले गन्ने के रस से लगभग छह लाख टन एथनॉल बनाया जा चुका था।

सरकार ने चीनी मिलों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 2023-24 में चीनी मिलों को एथनॉल बनाने के लिए गन्ने के रस और बी-हैवी शीरा दोनों का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। लेकिन साथ ही साथ इसके लिए दी जाने वाली चीनी की अधिकतम सीमा 17 लाख टन तय कर दी है। भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार ने यह फैसला प्रतिबंध लगाने के एक सप्ताह बाद ही लिया है। बता दें, इंडस्ट्री सरकार के फैसले को वापस लेने की डिमांड कर रहा था।

मंत्रियों की एक समिति ने लिया फैसला

खबर के मुताबिक, केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि इस मामले में मंत्रियों की एक समिति ने शुक्रवार को अपनी बैठक के दौरान यह फैसला लिया। सरकार ने 7 दिसंबर को एथनॉल उत्पादन में गन्ने के रस और चीनी सिरप के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। हालांकि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) से मिले मौजूदा प्रस्तावों के लिए एथनॉल की सप्लाई की परमिशन दी थी। चोपड़ा ने कहा कि हम एथनॉल बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले गन्ने के रस और बी-हैवी शीरे के रेशियो पर फैसला लेने के तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं।

लगभग छह लाख टन एथनॉल बनाया जा चुका था

चालू आपूर्ति वर्ष में गन्ने के रस से पहले ही कुछ एथनॉल बनाया जा चुका है। खाद्य मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि पिछला आदेश जारी करने से पहले गन्ने के रस से लगभग छह लाख टन एथनॉल बनाया जा चुका था। सरकार का अनुमान है कि चीनी सत्र 2023-24 में देश का चीनी उत्पादन घटकर 3.2-3.3 करोड़ टन रह जाएगा जबकि पिछले पेराई सत्र में यह 3.7 करोड़ टन से ज्यादा रहा था। गन्ने की उपज कम होने की आशंका में सरकार ने पिछले हफ्ते गन्ने के रस और शीरे का इस्तेमाल एथनॉल उत्पादन में करने से रोक दिया था।

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