अमेरिकी कोर्ट ने बायजू रवींद्रन के खिलाफ 1 अरब डॉलर हर्जाने के आदेश को पलटा, जानें क्या है नया अपडेट
डेलावेयर की अदालत ने रवींद्रन के खिलाफ एक अरब डॉलर के फैसले को पलट दिया है।

अमेरिका की एक अदालत ने एडटेक कंपनी BYJU'S के को-फाउंडर बायजू रवींद्रन के खिलाफ 1 अरब डॉलर के हर्जाने के फैसले को पलट दिया है। बायजू को ऑपरेट करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडरों की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अमेरिका के डेलावेयर में दिवाला मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने पिछले महीने अपने एक फैसले में रवींद्रन को 1 अरब डॉलर से ज्यादा का भुगतान करने का आदेश दिया था। अमेरिकी अदालत ने कहा था कि रवींद्रन ने 2021 में दिए गए 1.2 अरब डॉलर के अमेरिकी ‘सावधि ऋण’ (Term Loan) से प्राप्त करीब आधी राशि का पता लगाने के कानूनी प्रयासों में सहयोग करने से इनकार कर दिया था।
हर्जाना निर्धारित करने के लिए जनवरी में शुरू होगा नया चरण
बायजू रवींद्रन ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा था कि अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए अमेरिकी वकील की व्यवस्था करने के लिए मांगे गए 30 दिन का समय नहीं दिया था। इस पहलू को ध्यान में रखते हुए रवींद्रन ने इस आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया था। बयान में कहा गया, ‘‘डेलावेयर की अदालत ने रवींद्रन के खिलाफ एक अरब डॉलर के फैसले को पलट दिया है। रवींद्रन ने 20 नवंबर, 2025 के फैसले में सुधार के लिए एक याचिका दायर की थी और नए आवेदन प्रस्तुत किए थे। रवींद्रन के खिलाफ दावों से संबंधित किसी भी हर्जाने का निर्धारण करने के लिए जनवरी 2026 की शुरुआत में एक नया चरण शुरू करने का आदेश दिया है।’’
बायजू के लेनदारों ने कई लोगों के खिलाफ दायर किया मुकदमा
इस साल की शुरुआत में, ग्लास ट्रस्ट सहित बायजू के लेनदारों ने रवींद्रन, उनकी को-फाउंडर पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और एक अन्य सहयोगी अनीता किशोर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उन पर 53.3 करोड़ डॉलर के लोन की रकम ‘चुराने की साजिश रचने’ का आरोप लगाया गया था। बयान के मुताबिक, रवींद्रन इस आचरण के लिए ग्लास ट्रस्ट और अन्य के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी गई। रवींद्रन ने पहले कहा था कि वे ग्लास ट्रस्ट पर 2.5 अरब डॉलर का मुकदमा करेंगे। उनके कानूनी सलाहकार माइकल मैकनट ने कहा, ‘‘बायजू रवींद्रन को वादी (ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी) को एक भी डॉलर का हर्जाना देने के लिए उत्तरदायी नहीं पाया गया है।’’
पीटीआई इनपुट्स के साथ