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Hindi News पैसा बाजार चावल निर्यात का टूटा रिकॉर्ड, 10 महीने में 100 लाख टन से ज्यादा का एक्सपोर्ट

चावल निर्यात का टूटा रिकॉर्ड, 10 महीने में 100 लाख टन से ज्यादा का एक्सपोर्ट

इससे पहले कभी भी इतनी कम अवधि में इतने ज्यादा चावल का निर्यात नहीं हुआ था, भारत के पड़ौसी देशों के साथ खाड़ी देशों और अफ्रीकी देशों ने यह चावल खरीदा है

10 million tons rice- India TV Paisa India exported more than 10 million tons rice in 10 months

नई दिल्ली। देश से चावल के निर्यात को लेकर इस साल नया कीर्तिमान बनने जा रहा है, महज 10 महीने के दौरान देश से 100 लाख टन से ज्यादा चावल का एक्सपोर्ट हो चुका है जो इतनी कम अवधि में अबतक का सबसे अधिक निर्यात है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तवर्ष 2017-18 के शुरुआती 10 महीने यानि अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान देश से चावल के निर्यात में 21 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है।

गैर बासमती चावल निर्यात 70 लाख टन से ज्यादा

आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2017 से जनवरी 2017 के दौरान देश से कुल 102.91 लाख टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 की समान अवधि के दौरान देश से लगभग 85 लाख टन चावल का एक्सपोर्ट हुआ था। इस साल 10 महीने के दौरान हुए निर्यात में 70.17 लाख टन चावल गैर बासमती है और 32.74 लाख टन बासमती चावल है। पिछले साल इस दौरान 52.47 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ था और 32.51 लाख टन बासमती चावल का एक्सपोर्ट दर्ज किया गया था।

ईरान ने खरीदा ज्यादातर बासमती चावल

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार ईरान रहा है जबकि दूसरे नंबर पर सऊदी अरब और तीसरे नंबर पर इराक है, कुल निर्यात हुए बासमती चावल का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा ईरान को गया है, 15.7 प्रतिशत सऊदी अरब और 11.3 प्रतिशत इराक को गया है। कुल निर्यात हुए बासमती चावल का 50 प्रतिशत हिस्सा इन 3 देशों को एक्सपोर्ट हुआ है।

बांग्लादेश की खरीद बढ़ने से गैर बासमती चावल निर्यात में बढ़ोतरी

गैर बासमती चावल की बात करें तो इस साल उसके निर्यात में ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया है, इसके पीछे की वजह बांग्लादेश की बढ़ी मांग है, देश से निर्यात हुए कुल गैर बासमती चावल का 19.5 प्रतिशत हिस्सा बांग्लादेश को गया है जबकि 10.2 प्रतिशत बेनिन, 7 प्रतिशत सेनेगल, 5.9 प्रतिशत श्रीलंका और 5.6 प्रतिशत हिस्सा नेपाल को गया है।

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