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Hindi News पैसा बाजार गन्ना किसानों का फंस सकता है पैसा, मिलों को प्रति किलो चीनी पर हो रहा 5-6 रुपए का घाटा

गन्ना किसानों का फंस सकता है पैसा, मिलों को प्रति किलो चीनी पर हो रहा 5-6 रुपए का घाटा

ISMA का कहना है कि चीनी का एक्स मिल भाव घटकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है जो उसके उत्पादन की लागत से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम है, यानि हर एक किलो चीनी पर मिलों को 5-6 रुपए का घाटा हो रहा है

cane farmers- India TV Paisa Sugar mills are unable to generate sufficient funds for payment of cane farmers on time says ISMA

नई दिल्ली। देश में चीनी के ज्यादा उत्पादन से इसकी कीमतों में भारी गिरावट आ गई है जिस वजह से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का भुगतान करने में परेशानी हो रही है। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक ज्यादा उत्पादन की वजह से चीनी की कीमतों में भारी गिरावट आई है जिस वजह से मिलें गन्ना किसानों का समय पर भुगतान करने में असमर्थन मजर आ रही हैं।  

इस साल चीनी के ज्यादा उत्पादन से इसकी कीमतों में लगातार कमी देखने को मिल रही है, ISMA का कहना है कि चीनी का एक्स मिल भाव घटकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है जो उसके उत्पादन की लागत से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम है, यानि हर एक किलो चीनी पर मिलों को 5-6 रुपए का घाटा हो रहा है।

ISMA का कहना है कि चीनी मिलों पर किसानों के भुगतान का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, पिछले 14 दिनों में मिलों पर गन्ना किसानों का लगभग 16000-17000 रुपए का बकाया हो गया है। चीनी के कम भाव की वजह से मिलें किसानों का समय भुगतान करने में असमर्थन नजर आ रही हैं।

ISMA की तरफ से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2017-18 (अक्टूबर से सितंबर) में 31 मार्च तक 281.82 लाख टन चीनी पैदा हो चुकी है, ISMA के मुताबिक इस साल कुल मिलाकर 524 मिलों ने चीनी उत्पादन का काम शुरू किया था लेकिन 281.82 लाख टन चीनी पैदा होने के बाद भी अभी 331 मिलों में गन्ने की पेराई का काम चला हुआ है। यानि आगे चलकर पूरी संभावना है कि इस साल अनुमान से ज्यादा चीनी पैदा होगी। करीब 3 सीजन पहले यानि 2014-15 के दौरान देश में 283 लाख टन चीनी पैदा हुई थी जो अबतक का रिकॉर्ड है।

देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में 31 मार्च तक 101.27 लाख टन, दूसरे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में 95.40 लाख टन और तीसरे बड़े उत्पादक कर्नाटक में 35.56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

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