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शेयर बाजार का बनना चाहते हैं किंग, तो यहां समझें सस्ता शेयर खरीदने का ट्रिक

किसी भी शेयर का जो मौजूदा भाव होता है वो उसका Current Price कहलाता है। ये प्राइस शेयर की Intrinsic Value से कम है तो शेयर सस्ता माना जाता है

Stock Market - India TV Paisa Image Source : FILE Stock Market

Stock Market: अगर आप किसी कंपनी का शेयर लेना चाहते हैं तो उसे कब लें ताकि वो आपको सस्ती पड़े। शेयर को सस्ता खरीदना और महंगे रेट पर बेचना ही तो कला है। जो हर किसी को आना ही चाहिए। इसके लिए आपको किसी बड़े एक्सपर्ट के पास जाने की जरूरत नहीं। और वैसे भी जो लोग हजार पांच सौ से इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करना चाहते हैं वो कहां अपने लिए फाइनेंशियल एडवाइजर ढूंढते फिरेंगे। जितना का बच्चा नहीं, उतने का झुनझुना। तो ऐसे में आप खुद से अच्छे शेयर स्टॉक्स कैसे ढूंढ सकते हैं, और अगर शेयर ढूंढ लिया तो उसमें इन्वेस्टमेंट कब से शुरू करें ये सबसे बड़ा चैलैंज होता है। जिसे मैं आपको आज समझाने की कोशिश करूंगा। 

10 में 7 बार हिट है ये फॉर्मूला

किसी भी शेयर का जो मौजूदा भाव होता है वो उसका Current Price कहलाता है। ये प्राइस शेयर की Intrinsic Value से कम है तो शेयर सस्ता माना जाता है, नहीं तो महंगा है। अब इस जटिल जवाब को आसान बनाने की कोशिश करते हैं। मेरा ये उदाहरण उन लोगों के लिए है जो शेयर मार्केट में बिलकुल नए-नए हैं। वो बिलकुल उस बच्चे की तरह हैं जो सब्जी मार्केट में पहली बार गए होते हैं। उन्हें आलू, प्याज की सही कीमत का अंदाजा नहीं होता। और सब्जी वाला उसे 20 रुपये किलो वाला आलू 25 रुपये में बेच देते हैं। वहीं परवल वाले की नीयत थोड़ी सही होती है और वो उस बच्चे को परवल सही रेट में यानी 75 रुपये प्रति किलो में देता है। घर पहुंचने पर जब बच्चे की मां उससे पूछती है कि बेटा दोनों में महंगा कौन है...तो बेटा का जवाब होता है..परवल। चूंकि बच्चे की मां ने उसे 100 रुपये दिए होते हैं। जिसमें एक किलो आलू और एक किलो परवल लेकर बच्चा आता है। बच्चे को आलू और परवल की अहमियत पता नहीं...या यूं कहें बच्चे को दोनों सब्जियों की Intrinsic Value नहीं पता थी। उसके लिए एक किलो परवल के लिए 75 रुपये देना ही महंगा लगा। ठीक यही बात नए-नए निवेशकों पर लागू होती है। जो लोग नए-नए शेयर बाजार में आते हैं उन्हें 500 रुपये का शेयर महंगा लगता है और 5 रुपये का शेयर सस्ता लगता है। अगर ठीक ऊपर वाले उदाहरण से ही समझें तो हो सकता है कि 5 रुपये वाले शेयर की सही प्राइस 4 रुपये ही हो और आपको अभी 5 रुपये में मिल रहा हो। यानी वो शेयर 20% महंगा रेट पर मिल रहा है। और इस 20% का ग्रोथ पाने में कई-कई कंपनियों को साल भर तक का वक्त लग जाता है। और आप एक झटके में महंगे शेयर का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में सवाल यही है कि सस्ता शेयर चुनने का पैरामीटर क्या है। 

ऐसे चुने सस्ते और अच्छे शेयर

Intrinsic value जानने के लिए आप Google में शेयर का नाम और Intrinsic Value टाइप करें। इसके साथ ही शेयर का Current Price जानने के लिए Google में शेयर का नाम और Current Price डालें। अगर शेयर का मौजूदा भाव यानी करंट प्राइस Intrinsic Value से कम है तो समझिए वो शेयर सस्ता है। अगर दोनों करीब करीब बराबर हैं, थोड़ा बहुत का फर्क है तब भी उस शेयर को सस्ता ही मानिए...लेकिन अगर Current Price बहुत अधिक है तो फिर वो शेयर महंगा है। उसे उस वक्त मत खरीदें। है न आसान। इसमें कोई रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है। 

शेयर खरीदने में जल्दबाजी न करें.. सही वक्त का इंतजार करें

एक बात गौर करने वाली होती है वो ये कि शेयर चाहे कितना भी महंगा क्यों न हो जाए..कभी न कभी वो अपने Intrinsic Value को टच जरूर करता है। यानी अगर किसी शेयर में काफी अधिक मोमेंटम है, काफी तेजी से ऊपर जा रहा है तो वो 6 महीने या साल भर के अंदर अपने मोलाई भाव यानी Intrinsic Value के पास जरूर आता है। शुद्ध देसी भाषा में कहें तो दिनभर पंछी चाहे खुले आसमान में कही भी दूर निकल जाए लेकिन शाम में उसे अपने घोंसले में ही आना होता है। अब इस शेयर रूपी पंछी की उड़ान हो सकता है काफी अधिक दिनों या महीनों की भी हो सकती है। लेकिन कभी न कभी उसमें करेक्शन आता ही है, यानी शेयर नीचे गिरता ही है..ये वजह  मुनाफावसूली भी हो सकती है या फिर कुछ और वजह हो सकती है। लेकिन यही वक्त होता है बगुले की तरह ध्यान लगाकर बैठे नए निवेशकों के लिए। अगर उनके मनपसंद शेयर में अच्छी खासी गिरावट होती है..और अगर उसका मौजूदा भाव उसकी Intrinsic Value से कम दिखे तो फिर समझ लीजिए शेयर पर झपट्टा मारने का टाइम आ गया है। कई शेयर ऐसे भी होते हैं जो 40 या 50 फीसदी की गिरावट के बाद भी सस्ते नहीं हुए होते हैं। जिसे आप ऊपर दिए गए तरीके से निकाल सकते हैं। और उन स्टॉक्स से दूर रह सकते हैं। और अपनी पूंजी को किसी अच्छे वक्त के लिए बचाकर रख सकते हैं। ये तरीका शेयर के सस्ता या महंगा होने के बारे में बताता है, इसका मतलब ये बिलकुल नहीं कि आप अपनी आंखें मूंदकर सारा पैसा बस केवल इसी पैरामीटर को देखकर लगा दें। कई स्टॉक सलेक्शन तरीकों में से एक तरीका ये भी है। अब आपने तरीका तो जान लिया। लेकिन स्टॉक खरीदें कैसे..इसे जानने के लिए नीचे वाला ये आर्टिकल पढ़ें। 

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