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Hindi News पैसा बाजार 1999 से 2019 तक, जब-जब भिड़े भारत-पाकिस्तान, शेयर बाजार ने ऐसे रिएक्ट किया, जानें अब 2025 में क्या?

1999 से 2019 तक, जब-जब भिड़े भारत-पाकिस्तान, शेयर बाजार ने ऐसे रिएक्ट किया, जानें अब 2025 में क्या?

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप शेयर बाजार में सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं तो बिल्कुल नहीं डरें। अपना सिप जारी रखें।

Share Market - India TV Paisa Image Source : FILE शेयर बाजार

भारत और पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। भारत की ओर से आतंकवादी कैम्पों पर हमले के बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया है। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की है। आगे क्या होगा यह कोई नहीं बता सकता है। इस बीच शेयर बाजार निवेशकों में चिंता की लहर है कि अगर युद्ध हुआ तो भारतीय बाजार पर क्या होगा असर? बाजार में कितनी गिरावट आ सकती है? अगर आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं और SIP के जरिये पैसा लगाते हैं तो क्या करें? आइए जानते हैं। 

1999, कारगिल युद्ध  
मई-जुलाई 1999 के दौरान सेंसेक्स 12% गिरा।  
युद्ध खत्म होन पर 18% उछाल गया। 

2001-02, संसद हमला
सेंसेक्स 9% गिरा।
4 महीने में रिकवर कर गया। 

2016 सर्जिकल स्ट्राइक  
सेंसेक्स 3% गिरा (इंट्राडे) पर 2 दिन में रिकवर  कर गया 

2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक  
सेंसेक्स 1.5% गिरा (इंट्राडे) पर बंद होने से पहले रिकवर कर गया। 

2025 में क्या?

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच आगे कैसे हालात बनते हैं, इस पर बाजार की चाल निर्भर करेगी। कुछ बड़ा होने पर ही बड़ी गिरावट की संभावना है। अन्यथा डरने की जरूरत नहीं है। बाजार में हल्की गिरावट तो आती ही रहती है। 

भारत-पाक तनाव के दौरान सेंसेक्स का रुझान

भारत-पाकिस्तान के बीच अब तक 11 बार हुए बड़े क्लैश का विश्लेषण करने से पता चलता है कि 8 बार सेंसेक्स गिरा। हालांकि, तनाव खत्म होने के साथ ही बाजार रिकवर कर गया। भारतीय शेयर बाजार आमतौर पर भारत-पाक तनाव के दौरान पर अस्थिरता और जोखिम से बचने के थोड़े समय के लिए प्रतिक्रिया देता है। हालांकि, निवेशकों का विश्वास जल्दी वापस लौट आता है। ऐतिहासिक डेटा इस बात को पुष्टी करते हैं कि गिरावट के बाद अक्सर तेज उछाल आता है।

आप निवेशक हैं तो क्या करें?

मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप शेयर बाजार में सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं तो बिल्कुल नहीं डरें। अपना सिप जारी रखें। सिप रुपए में औसत लागत के तरीके पर काम करता है। इसका मतलब है कि लंबी अवधि में, आपकी खरीद की लागत मंदी और तेजी के बाजार के कारण औसत हो जाती है और आपके निवेश एकमुश्त निवेश की तुलना में कम अस्थिर हो जाते हैं। अस्थिरता इक्विटी निवेश का अभिन्न अंग है। निवेशकों को अपने नुकसान को स्थायी नुकसान में बदलने के बजाय ऐसी अस्थिरता में बने रहना चाहिए। 

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