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Hindi News पैसा बाजार Adani Wilmar समेत इन कंपनियों के IPO ने इस साल दिया बंपर रिटर्न, LIC-डेल्हीवेरी ने निवेशकों को कराया भारी नुकसान

Adani Wilmar समेत इन कंपनियों के IPO ने इस साल दिया बंपर रिटर्न, LIC-डेल्हीवेरी ने निवेशकों को कराया भारी नुकसान

प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी में सूचीबद्ध अदानी विल्मर ने लिस्टिंग के दिन 15.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

आईपीओ - India TV Paisa Image Source : FILE आईपीओ

साल 2022 आईपीओ बाजार के लिए मिला जुला रहा है। इस साल कई कंपनियों के आईपीओ ने निवेशकों का शानदार रिटर्न दिया। वहीं, कुछ कंपनियों के आईपीओ ने भारी नुकसान भी कराया। अगर, इस साल अब तक सूचीबद्ध आईपीओ पर नजर डालें तो अदाणी विल्मर के आईपीओ ने सबसे शानदार रिटर्न दिया है। अदाणी विल्मर लिस्टिंग के बाद 155 प्रतिशत से अधिक के रिटर्न दिया। इसके साथ यह साल 2022 के टॉप रिटर्न देने वाला आईपीओ बन गया है।

इन कंपनियों ने भी निवेशकों को मालामाल किया 

प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी में सूचीबद्ध अदानी विल्मर ने लिस्टिंग के दिन 15.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया और 21 दिसंबर के बाजार मूल्य पर 155.59 प्रतिशत का रिटर्न दिया। वीनस पाइप्स ने 128.53 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज ने लिस्टिंग के बाद 112.58 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि वेरांडा लर्निंग ने 93.80 फीसदी का रिटर्न दिया है।

एलआईसी और डेल्हीवेरी ने कराया बड़ा नुकसान 

सूचीबद्धता के बाद के नकारात्मक रिटर्न में एलआईसी ने 26 फीसदी, डेल्हीवेरी ने 31 फीसदी, आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी ने 26 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया। लिस्टिंग के दिन के प्रदर्शन के संबंध में, डीसीएक्स सिस्टम्स ने 49.18 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न दिया, इसके बाद हर्षा इंजीनियर्स ने 47.24 प्रतिशत, हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज ने लिस्टिंग के दिन 46.86 प्रतिशत रिटर्न दिया।

आईपीओ को निवेशकों का साथ मिला 

प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि सभी आईपीओ जो जरूरी सब्सक्रिप्शन हासिल करने में सफल रहे हैं। यहां तक कि अगर किसी आईपीओ को 1 बार सब्सक्राइब किया जाता है, तो यह दर्शाता है कि उस कीमत पर आईपीओ की पर्याप्त मांग थी। हल्दिया ने कहा कि आईपीओ के बाद, वह किसी सूचीबद्ध कंपनी की तरह हैं और उनका प्रदर्शन अर्थव्यवस्था, क्षेत्र और कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई के साथ 2023 में यूएस फेड की नीतिगत कार्रवाइयां महत्वपूर्ण होंगी जहां कोई भी मॉडरेशन बाजारों को प्रोत्साहित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया, हम उम्मीद करते हैं कि कैलेंडर वर्ष 23 में दो थीम होंगी। क्रेडिट ग्रोथ और कैपेक्स और इस तरह बीएफएसआई, कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, हाउसिंग, डिफेंस, रेलवे जैसे सेक्टर फोकस में हो सकते हैं। 

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