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Hindi News पैसा फायदे की खबर CIBIL स्कोर खराब हुआ तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी? मद्रास हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

CIBIL स्कोर खराब हुआ तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी? मद्रास हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

पी. कार्तिकेयन ने जुलाई 2020 में एसबीआई द्वारा CBO पद की नौकरी के लिए विज्ञापन जारी किया था। कार्तिकेयन ने विज्ञापन के आधार पर नौकरी के लिए अप्लाई किया था।

cibil, cibil score, credit score, loan, loan repayment, credit card, credit card bill, credit card b- India TV Paisa Image Source : INDIA TV एसबीआई ने नियुक्ति रद्द करने के पीछे क्या वजह बताई

CIBIL Score: अगर आप सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो अपने सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का खास ध्यान रखें। अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है तो अपॉइंटमेंट लेटर मिलने के बाद भी आपकी अपॉइंटमेंट कैंसिल की जा सकती है। जी हां, भारतीय स्टेट बैंक ने ऐसे ही एक मामले में पी. कार्तिकेयन के अपॉइंटमेंट को कैंसिल कर दिया, क्योंकि कार्तिकेयन का सिबिल स्कोर खराब था। कार्तिकेयन ने जब इस मामले में एसबीआई के खिलाफ केस दाखिल किया तो मद्रास हाई कोर्ट ने एसबीआई के फैसले को बरकरार रखते हुए शिकायतकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।

एसबीआई ने अपॉइंटमेंट लेटर देने के बाद रद्द की नियुक्ति

पी. कार्तिकेयन ने जुलाई 2020 में एसबीआई द्वारा CBO पद की नौकरी के लिए विज्ञापन जारी किया था। कार्तिकेयन ने विज्ञापन के आधार पर नौकरी के लिए अप्लाई किया था। शिकायतकर्ता ने सभी परीक्षाएं पास कर ली, जिसके बाद एसबीआई ने 12 मार्च, 2021 में उन्हें नियुक्ति पत्र यानी अपॉइंटमेंट लेटर जारी कर दिया था। लेकिन, भारतीय स्टेट बैंक ने 9 अप्रैल, 2021 को आवेदक की नियुक्ति को रद्द कर दिया। एसबीआई ने बताया कि उन्होंने कार्तिकेयन के CIBIL रिपोर्ट में वित्तीय अनुशासन की गंभीर कमियां पाई हैं, जिनके आधार पर नियुक्ति रद्द की गई है।

आवेदक ने अपनी शिकायत में क्या कहा

एसबीआई के इस फैसले पर कार्तिकेयन ने मद्रास हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की और बैंक के आदेश को रद्द करने की मांग की। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि बैंक द्वारा विज्ञापन जारी करने की तारीख तक उसके ऊपर कोई लोन पेंडिंग नहीं था और उन्होंने सभी लोन चुका दिए थे। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें सिबिल समेत किसी भी क्रेडिट एजेंसी ने डिफॉल्टर भी घोषित नहीं किया है, ऐसे में एसबीआई का फैसला गलत है।

एसबीआई का पक्ष क्या था

बैंक ने अपने फैसले के बचाव में बताया कि विज्ञापन की धारा 1(E) के मुताबिर, अगर किसी भी आवेदक के नाम पर लोन या क्रेडिट कार्ड पेमेंट में चूक या सिबिल या किसी अन्य क्रेडिट एजेंसी से खराब रिपोर्ट हो तो वे नौकरी के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे। बैंक ने बताया कि नौकरी के लिए निकाले गए विज्ञापन में इस शर्त को स्पष्ट रूप से बताया गया था।

कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया

पी. कार्तिकेयन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एन. माला ने कहा कि केवल लोन चुका देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूरे समयावधि में लोन की अदायगी का रिकॉर्ड भी साफ होना चाहिए और किसी भी प्रकार की खराब CIBIL रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब कोई आवेदक एक बार विज्ञापन की शर्तों के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन करता है तो बाद में उन शर्तों को चुनौती नहीं दी जा सकती है।

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