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निवेश के लिए Share और Gold में किसका करे चुनाव? यहां दे रहे हम आपके सभी सवालों के जवाब

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में त्योहार का सीजन शुरु हो चुका है। इस दौरान लोग निवेश भी करते हैं। सबसे पहले हम सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं। निवेश के रूप में सोना व्यक्तिगत भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।

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Highlights

  • भारतीय सबसे पहले सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं
  • अनिश्चितता के समय में सोने को एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है
  • गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग में आई वृद्धि

Share and Gold: स्टॉक और सोना निवेश के लिहाज से दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। शेयर का लंबे समय में महंगाई के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जबकि सोना अनिश्चितता के खिलाफ बफर के रूप में काम करता है और पोर्टफोलियो में सुधार करता है। जब निवेश की बात आती है तो सावधानीपूर्वक विश्लेषण और शेयर पर बढ़ियां रिसर्च करने के बाद निवेश के लिए चुने गए स्टॉक अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन जब लगातार महंगाई बढ़ रही होती है और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी होती है तो सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। अधिक जोखिम या ज्यादा फायदा को ध्यान में रखते हुए निवेश के लिए वित्तीय सलाहकार आमतौर पर एसेट में निवेश करने की सलाह देते हैं, लेकिन निवेशकों को सोने और शेयर के बीच क्या चयन करना चाहिए? आइए जानते हैं।

सोना बनाम शेयर

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में त्योहार का सीजन शुरु हो चुका है। भारतीय संस्कृति को देखने के लिए यह एक शानदार मौका होता है। इस दौरान लोग निवेश भी करते हैं, लेकिन एक बात जो अहम है, वह यह कि जब भी कोई त्योहार होता है तो सबसे पहले हम सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं। निवेश के रूप में सोना व्यक्तिगत भावनाओं, परिसंपत्ति वर्ग से लगाव, रूढ़िवादी जोखिम प्रोफ़ाइल, सांस्कृतिक महत्व आदि जैसे विभिन्न कारकों से संबंधित हो सकता है।

लेकिन निवेश के रूप में सोना खरीदते समय हम महंगाई, आर्थिक विकास के साथ लिक्विडिटी जैसे कारकों को ध्यान में रखना भूल जाते हैं। सोने के साथ एक भावुक कनेक्शन है लेकिन अनिश्चितता के समय में इसे एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है, जबकि शेयर विकल्प में हम अपनी जरूरतों के अनुसार अपने निवेश को आसानी से विविधता प्रदान कर सकते हैं।

सोने और शेयर का प्रदर्शन

शेयर ने पिछले एक दशक में (सूचकांक के आधार पर) 11-14% सीएजीआर दिया है, जबकि सोने ने 6% का सीएजीआर दिया है। इस वर्ष के दौरान, वैश्विक आंकड़ों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार (Sensex/NIFTY 50) का भारतीय बाजार मूल्य क्षरण -3% है, जबकि S&P 500 के लगभग 25% है। दूसरी ओर, सोने ने इस साल अब तक 11 फीसदी वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए बढ़ती ब्याज दर के साथ एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में बढ़त हासिल की है। गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग जून 2021 तिमाही की तुलना में जून 2022 तिमाही में 43% बढ़ी है।

कहां निवेश करें?

पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को शामिल करने और आर्थिक संकट के समय में पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को औसत करने का सुझाव दिया गया है। भौतिक सोना व्यक्तिगत खपत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन निवेश के रास्ते से, ऊपर बताए गए विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई बढ़कर 7.41% हो गई है, जो कि पांच महीने में सबसे अधिक है। महंगाई का निवेशकों के निवेश पर असर पड़ता है, क्योंकि यह समय के साथ पैसे के मूल्य को प्रभावित करता है। शेयर लंबी अवधि में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले एसेट क्लास में से एक रहा है, जो 10-12% रिटर्न देता है। निवेशक अपनी संपत्ति को अधिकतम करने और महंगाई के दबाव को दूर करने के लिए शेयर निवेश पर विचार कर सकते हैं। शेयर बाजारों में मौजूदा अस्थिरता को लंबी अवधि के निवेश के नजरिए से एक अच्छा प्रवेश बिंदु माना जा सकता है।

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