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ओन-डैमेज पॉलिसी के लिए कैसे करें कार इंश्योरेंस क्लेम, यहां जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

सभी कार ओनर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) तो जरूरी है, लेकिन यह आपकी कार को कवर नहीं करता है।स्टैंडअलोन ओन-डैमेज पॉलिसी एक अलग कवर है जो आपकी गाड़ी को आग, दुर्घटना, चोरी या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से वित्तीय रूप से बचाता है।

अगर नुकसान में डेंट, खरोंच या छोटी खामियां शामिल हैं, तो लागत को अपनी जेब से कवर करने का प्रयास करें- India TV Paisa Image Source : FILE अगर नुकसान में डेंट, खरोंच या छोटी खामियां शामिल हैं, तो लागत को अपनी जेब से कवर करने का प्रयास करें।

फोर व्हीलर चलाते हैं तो उसमें जोखिम भी कम नहीं है। इन्हीं जोखिमों से बचने का सॉल्यूशन है इंश्योरेंस (car insurance)। लेकिन सभी कार ओनर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) तो जरूरी है,लेकिन यह आपकी कार को कवर नहीं करता है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस इतना जरूरी है कि इसके बिना आप कार चला ही नहीं सकते। अगर आप अपनी कार की सुरक्षा करना चाहते हैं, तो आपको अपनी खुद की क्षति या व्यापक कार बीमा का विकल्प चुनना होगा। भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के निर्देश के आधार पर, सितंबर 2019 में एक स्टैंडअलोन ओन-डैमेज पॉलिसी (own damage policy) पेश की गई थी। यह स्टैंडअलोन ओन-डैमेज पॉलिसी एक अलग कवर है जो आपकी गाड़ी को आग, दुर्घटना, चोरी या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से वित्तीय रूप से बचाता है।

थर्ड पार्टी कवरेज एक्टिव होने पर ही क्लेम

खबर के मुताबिक, ओन-डैमेज पॉलिसी (own damage policy) सिर्फ तभी उपलब्ध है जब आपकी कार में थर्ड पार्टी कवरेज एक्टिव हो। खुद की क्षति कवर आपको पॉलिसी कवरेज के दायरे को बढ़ाने के लिए राइडर्स खरीदने की परमिशन देता है। अगर आप ओन-डैमेज पॉलिसी कैरी करते हैं और आपकी कार को तय मानकों के हिसाब से नुकसान पहुंचा है तो आप ओन-डैमेज पॉलिसी के लिए कार इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के मुताबिक, इसकी कुछ प्रक्रिया है जिसका पालन करना होता है।

क्या है प्रक्रिया

  • अपनी इंश्योरेंस कंपनी को उस दुर्घटना के बारे में तुरंत सूचित करें जिससे आपकी कार को नुकसान हुआ है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के मुताबिक, निर्धारित समय के भीतर ऐसा करना जरूरी होता है।
  • अब अगर आपकी कार किसी सड़क दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाए या चोरी हो जाए तो आपको तुरंत एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
  • इंश्योरेंस कंपनी को आपकी सूचना के बाद, कंपनी की तरफ से एक ऑब्जर्वर घटनास्थल का दौरा करेगा और क्षति की सीमा और प्रकृति का आकलन करेगा।
  • आपकी इंश्योरेंस कंपनी, ऑब्जर्वर की तरफ से सौंपी रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और उसके मुताबिक आपके दावे पर एक्शन लेगा।
  • अगर आप कैशलेस क्लेम पेश  कर रहे हैं, तो बिलों का भुगतान सीधे गैरेज से किया जाएगा। रीम्बर्समेंट की स्थिति में, इंश्योरेंस कंपनी के ऑब्जर्वर द्वारा प्रदान की गई अनुमानित लागत और वास्तविक बिलों की समीक्षा करेगा और 2-3 वर्किंग डेज के भीतर आपके खाते में राशि का भुगतान करेगा।

क्लेम से पहले यह बात समझ लें

ओन-डैमेज पॉलिसी (own damage policy) वाले कार इंश्योरेंस की स्थिति में घटना के बाद क्लेम पेश करने में देरी करने से बचें। समय सीमा के बाद दावा दायर करने पर वह रिजेक्ट या खारिज हो सकता है। अगर नुकसान में डेंट, खरोंच या छोटी खामियां शामिल हैं, तो लागत को अपनी जेब से कवर करने का प्रयास करें। छोटे-मोटे दावे दायर करने से आपकी कार बीमा एनसीबी खत्म हो जाती है और प्रीमियम पर पैसे बचाने का अवसर भी खत्म हो जाता है। इसके अलावा, सभी चालान सुरक्षित रखें और सुनिश्चित करें कि अगर क्लेम किसी दुर्घटना या चोरी से संबंधित है तो आपके पास एफआईआर की एक कॉपी जरूर है। अपनी पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझें। अगर संभव हो तो एक्सीडेंट में शामिल थर्ड पार्टी की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखें। एफआईआर दर्ज करते समय इसकी जरूरत होगी।

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