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टैक्स छूट के लिए निवेश की समय सीमा बढ़ी, इन योजनाओं में कर सकते हैं निवेश

2019-20 के टैक्स छूट के लिए निवेश की अंतिम समय सीमा बढ़कर 31 जुलाई 2020 हुई

<p>Tax saving investment</p>- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Tax saving investment

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से केन्द्र सरकार ने लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए काफी कदम उठाए हैं। जिनमें से एक कदम टैक्स बचत को लेकर भी है। केंद्र सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। अब वित्तवर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख 30 नवंबर 2020 कर दी गई है, पहले यह तारीख 31 जुलाई थी। साथ ही टैक्स छूट के लिए 80 C (एलआईसी, पीपीएफ, एनएससी), 80D (मेडिक्लेम), 80G (दान) आदि में किए गए निवेश के लिए अंतिम समय सीमा बढ़ाकर भी 31 जुलाई 2020 कर दी गई है। ऐसे में करदाताओं के पास अभी भी  समय हैं जिसमें वो टैक्स बचत के लिए इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के जरिए कई ऐसे निवेश विकल्प हैं जिनमें निवेश करके टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि सरकार ने 2020 के बजट में नए टैक्स और पुराने टैक्स विकल्प को चुनने का ऑप्शन दिया है। ऐसे में अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम को चुनते हैं तो आप टैक्स सेविंग योजनाओं के जरिए टैक्स छूट ले सकते हैं।जानिए हमारे इस रिपोर्ट के जरिए ऐसे ही टैक्स सेविंग निवेश विकल्पों के बारे जहां आप अभी भी निवेश कर सकते हैं।

1.पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF):

टैक्स सेविंग की जब बात आती है तो सबसे बेहतर विकल्प पीपीएफ को ही माना जाता है। पीपीएफ को आप किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए खुलवा सकते हैं। साथ ही सालाना 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट ले सकते हैं। पीपीएफ के ब्याज में केन्द्र सरकार हर तिमाही में महंगाई दर के आधार पर बदलाव करती रहती है। ध्यान रहें कि पीपीएफ खाता आप अगर अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम से लेतें हैं तो टैक्स छूट मिलता है लेकिन प्रावधान के हिसाब से माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त के नाम पर कोई टैक्स छूट प्राप्त नहीं होती। सबसे खास बात पीपीएफ खाते की ये होती है कि उसके मैच्योर होने पर रकम पर और ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता। कोई भी व्यक्ति 15 साल के लिए पीपीएफ खाते में हर साल 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है और इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट ले सकता है। अगर किसी ने पीपीएफ में निवेश किया हुआ है और मार्च 2020 को वो मैच्योर हो गया है लेकिन आप फिर भी उसे जारी रखना चाहते हैं तो आपके पास 30 जून तक का समय है। फिलहाल ब्याज दर की बात करें तो आपको अप्रैल-जून की तिमाही के निवेश पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा।

2.राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC):

पोस्ट ऑपिस में खोला जाने वाली एऩएससी स्कीम एक निश्चित इनकम निवेश विकल्प माना जाता है। अगर आप छोटी बचत के लिए 30 जून से पहले निवेश करना चाहते हैं तो एनएससी एक बेहतर विकल्प है। बैंक में खोले गए एफडी पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा ब्याज का लाभ करदाता उठा सकते हैं। एनएससी को 3 से 5 साल के लिए खोला जा सकता है। साथ ही इनकम टैक्स की धारा 80c के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। वहीं ब्याज तिमाही दर तिमाही सरकार द्वारा तय की जाती है। फिलहाल ब्याज की बात की जाए तो 6.8 फीसदी के ब्याज पर इस स्कीम का फायदा आप उठा सकते हैं। ध्यान रहें कि खाते के मैच्योर होने पर जो भी राशि या इनकम प्राप्त होती है उस पर टैक्स लगता है।

3.इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS):

ELSS के तहत आप तीन साल के लॉक-इन के लिए पैसा निवेश कर सकते हैं। ELSS में निवेश का मतलब है कि आपका पैसा शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड के जरिए लगाया जाता है। फंड्स की बात करें तो लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप शेयरों में ELSS के जरिए निवेश होता है। तीन साल के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव के मुकाबले जो भी रिटर्न होता है वो आपको प्राप्त होता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80c के तहत आपको टैक्स छूट प्राप्त होता है। जानकार ELSS को टैक्स बचत के लिए काफी अच्छा विकल्प मानते हैं। किसी भी ELSS को लेने से पहले ब्रोकर हाउस या रेटिंग एजेंसी द्वारा कंपनी को क्या रेटिंग दी गई है उसे जरुर चेक कर लें। साथ ही कंपनी के 5 साल के पर्फार्मेंस और फंडामेंटल्स को चेक करना अनिवार्य होता है।

4.नेशनल पेंशन सिस्टम(NPS):

एनपीएस पेंशन के तौर पर टैक्स छूट लेने वाला काफी अच्छा निवेश विकल्प है। खाता सेक्शन 80CCD का सब सेक्शन 80CCD(1) के तहत टैक्स छूट लेने के लिए खोला जा सकता है। सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों के लिए सरकार के साथ पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी(PFRDA) की टैक्स छूट पाने का एक निवेश विकल्प है। NPS का लाभ 18 से 60 साल की उम्र का वेतन लेने वाला व्यक्ति उठा सकता है। किसी भी नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर NPS खुलवाया जा सकता है। सैलरीड व्यक्ति अपनी सैलरी का 10 फीसदी तक और सेल्फ सैलरीड व्यक्ति अपनी कुल आय का 20 फीसदी तक रकम जमा करके में अधिक्तम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट ले सकता है। NPS में तीन फंड होते हैं जिसके कॉरपोरेट फंड, इक्विटी फंड और सरकारी प्रतिभूतियां शामिल होते हैं जिसके जरिए सब्सक्राइबर निवेश कर सकते हैं। अगर किसी करदाता ने 80Cके तहत 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर टैक्स छूट ले लिया है तो धारा 80CCD(1B) के तहत अलग से 50,000 रुपये के NPS में निवेश का दावा करके टैक्स छूट ले सकता है। याद रखें कि NPS के कुछ शर्तें भी हैं। अकाउंट Tier1 और Tier II दो तरह के अकाउंट होते हैं। जिसमें Tier I रिटायरर्मेंट अकाउंट होता है जिसे हर सरकारी कर्मचारी के लिए खुलवाना अनिवार्य होता है। वहीं Tier II एक वॉलंटरी अकाउंट होता है जिसे कोई भी सैलरीड कर्मचारी इनवेस्टमेंट के तौर पर खोल सकता है और कभी भी पैसा निकाल सकता है।

5.टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD):

किसी भी बैंक में एफडी खोला जा सकता है। एफडी में निवेश करके आप इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। एफडी खाता पांच साल के लॉक-इन से खुलवाया जाता है जिसे अगर खाताधारक चाहे तो बाद में बढ़ा सकता है। ब्याज दर की बात करें तो एफडी में निवेश करके आपको 6.6% से 7.5% तक का ब्याज मिलता है। हालांकि एफडी के ब्याज पर टैक्स भी लगता है लेकिन टैक्स छूट पाने के लिए एफडी एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

इनकम टैक्स के धारा 80C के तहत निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट पाने के लिए और भी विकल्प है जिनमें से एक सुकन्या समृद्धि स्कीम, टर्म इंश्योरेंस, अटल पेंशन योजना, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान शामिल हैं। इनकम टैक्स की छूट पाने के लिए 30 जून से पहले आप इनमें से किसी भी विकल्प में निवेश कर सकते हैं।आमतौर पर देखा जाए तो 80C के तहत टैक्स बचत योजनाओं में लॉक-इन समय तय  होता है और कम से कम 3 साल के लिए निवेशित रहना पड़ता है। किसी भी टैक्स निवेश से पहले टैक्स एक्सपर्ट या निवेश सलाहकार की जानकारी जरुर लें।

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