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क्या चीन ने तिब्बत में मार गिराया सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट, जानिए सच्चाई

क्या चीन ने तिब्बत में भारतीय वायुसेना का फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई मार गिराया है। जानिए इसकी पूरी सच्चाई।

Sukhoi Su-30MKI- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO Sukhoi Su-30MKI

नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में 15 और 16 जून में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। @ZhongXN ट्विटर हैंडल से ब्रेकिंग न्यूज करके चीन द्वारा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई को तिब्बत में मार गिराए जाने का दावा किया जा रहा है। 3 अक्टूबर को रात 10 बजकर 47 मिनट पर किए गए इस ट्विट में ये भी कहा गया है कि पीएलए एयरफोर्स ने तिब्बत में भारतीय वायुसेना के खतरनाक लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई को मार गिराया है। 

पीआईबी फैक्ट चेक ने जब इस वायरल ट्विट का विश्लेषण किया तो इसके बाद लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई के चीन द्वारा मार गिराए जाने की सच्चाई सामने आई। पीआईबी फैक्ट चेक में बताया गया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच अबतक 6 बार हो चुकी है वार्ता

गौरतलब है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच अबतक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन फिलहाल सभी बैठकें बेनतीजा ही रही हैं। LAC पर तनातनी के बीच भारत ने ब्रह्मोस, निर्भय और आकाश मिसाइल की अग्रिम मोर्चे पर तैनाती कर दी है। ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30-एमकेआई से चीन पर कहर बरपाने को तैयार है। LAC के करीब के अब सभी चीनी एयरबेस भारत के निशाने पर हैं। चीन ने हाल ही में तिब्बत और शिनजियांग में लंबी दूरी की मिसाइलें तैनात की थीं। 

ये है लड़ाकू विमान सुखोई-30 MKI की खासियत

भारतीय वायुसेना के पास मौजूद सुखोई-30 MKI को ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। भारत और रूस के बीच इसे लेकर 2000 में समझौता हुआ था। भारत को पहला सुखोई-30 2002 में मिला था। इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम लगा है, जिसकी मदद से यह रात और दिन दोनों समय ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। इसमें हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है और यह 3,000 किलोमीटर की दूरी तक जाकर दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकता है।

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज गति से हमला करने वाली सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल है, ये 500 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। ब्रह्मोस को सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट के जरिए दागा जा सकता है। ब्रह्मोस 300 किलोग्राम वॉर हेड ले जा सकती है। इससे किसी भी चीनी एयरबेस को तबाह किया जा सकता है। जरूरी तादाद में ब्रह्मोस मिसाइलें मोर्चे पर पहुंचाए जा चुकी हैं।

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